अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, उद्योग-धंधे चलाना सरकार का काम नहीं

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jun, 2019 04:17 PM

govt has no business to be in business divest mining firms nmdc hzl

दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार को एनएमडीसी सहित खनन क्षेत्र से जुड़ी पांच कंपनियों का निजीकरण कर देना चाहिए। उनके मुताबिक इससे भारत को हर साल कम-से-कम 400 अरब डॉलर की बचत होगी।

नई दिल्लीः दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार को एनएमडीसी सहित खनन क्षेत्र से जुड़ी पांच कंपनियों का निजीकरण कर देना चाहिए। उनके मुताबिक इससे भारत को हर साल कम-से-कम 400 अरब डॉलर की बचत होगी। यह राशि आयात पर खर्च होती है। उन्होंने कहा कि उद्योग-धंधे चलाना सरकार का काम नहीं है।

PunjabKesari

वेदांता रिसोर्सिस के चेयरमैन अग्रवाल ने बजट पूर्व आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि नौकरियों में छंटनी के बिना इन उद्योगों का निजीकरण करने से इनकी क्षमता बढ़ेगी एवं घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों एवं विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। यह बैठक बजट पूर्व सलाह लेने एवं परिचर्चा के लिए बुलाई गई थी। जिन उद्योगपतियों को बैठक में बुलाया गया था उनमें से एक अनिल अग्रवाल थे। 

PunjabKesari

अग्रवाल ने इस बैठक में खनन एवं प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में बेहतरी से जुड़े सुझाव दिए। वहीं टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र और आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन के बारे में प्रधानमंत्री को अपने सुझाव दिए। वेदांता रिसोर्सिस के चेयरमैन अग्रवाल ने कहा, ''नीति आयोग की ओर से शनिवार को आयोजित बैठक में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात थी और मैंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि उद्योग-धंधे चलाना, कारोबार करना सरकार का काम नहीं है। सरकार को हिन्दुस्तान जिंक, हिन्दुस्तान कॉपर, कोलार गोल्ड, यूरेनियम कॉरपोरेशन, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एनएमडीसी सहित कम-से-कम पांच कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए।'' 

PunjabKesari

उन्होंने कहा कि नौकरियों का नुकसान किए बिना कंपनियों का निजीकरण करना अच्छा तरीका है। अग्रवाल ने कहा, ''जब हमने हिन्दुस्तान जिंक के बहुलांश शेयर खरीदे थे तो उसमें 5,000 कर्मचारी थे। आज कंपनी में 25,000 कर्मचारी हैं।'' उन्होंने कहा कि देश में अगर तेल एवं गैस, खनिज एवं धातु का उत्पादन नहीं बढ़ाया जाता है तो भारत का आयात खर्च 400 अरब डॉलर से बढ़कर 1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। 

अग्रवाल ने कहा, ‘‘यदि हम तेल का उत्पादन बढ़ाकर दोगुना कर देते हैं और सोने का उत्पादन 300 टन तक बढ़ा देते हैं तो चालू खाते में होने वाला पूरा घाटा समाप्त हो जाएगा।'' उन्होंने कहा कि बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पूरी स्वायत्ता दी जानी चाहिए। इसके लिए इन उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को कम करके 50 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए। कंपनियों को पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड की तरह पूरी तरह निदेशक मंडल द्वारा संचालित कंपनी बनाया जाना चाहिये। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!