Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 05:50 PM
राजस्व सेवा अधिकारियों (आई.आर.एस.) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक एसोसिएशन ने वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत 1.5 करोड़ रुपए से कम कारोबार वाले सेवा करदाताआें को केंद्र के अधीन
नई दिल्लीः राजस्व सेवा अधिकारियों (आई.आर.एस.) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक एसोसिएशन ने वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत 1.5 करोड़ रुपए से कम कारोबार वाले सेवा करदाताआें को केंद्र के अधीन ही रखने की मांग की है। संगठन ने इन सेवाकर दाताआें को राज्यों के नियंत्रण में करने की पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों की मांग पर चिंता जताई है।
भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद) आफिसर्स एसोसिएशन ने इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेतली को पत्र भेजा है। एसोसिएशन ने आशंका जताई है कि अगर यह अधिकार राज्यों को दिया गया तो कालाधन व कर चोरी बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, बिहार, दिल्ली, आेडि़शा सहित देश भर में राज्य सरकारों के अधीन काम कर रहे वाणिज्य कर अधिकारियों ने एेसे सेवा कर दाताओं को राज्यों के अधीन रखने का समर्थन किया है।