गुजरात बनेगा देश का सेमीकंडक्टर हब! Tata ग्रुप और CG पावर को प्लांट के लिए मिली 160 एकड़ जमीन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Mar, 2024 12:08 PM

gujarat government gives land to tata cg power for semiconductor plant

टाटा समूह को गुजरात के धोलेरा में 160 एकड़ जमीन मिल गई है, जहां वह 91,000 करोड़ रुपए के निवेश से देश का पहला मेगा फैब कारखाना लगाएगा। सीजी पावर को भी एटीएमपी (सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग, टेस्टिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग) इकाई लगाने के लिए साणंद में 28...

नई दिल्लीः टाटा समूह को गुजरात के धोलेरा में 160 एकड़ जमीन मिल गई है, जहां वह 91,000 करोड़ रुपए के निवेश से देश का पहला मेगा फैब कारखाना लगाएगा। सीजी पावर को भी एटीएमपी (सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग, टेस्टिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग) इकाई लगाने के लिए साणंद में 28 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। गुजरात सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सीजी पावर इस कारखाने पर 7,600 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।

दोनों परियोजनाओं का शिलान्यास वरिष्ठ राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में 13 मार्च को किया जा सकता है। इन परियोजनाओं को कुछ दिन पहले ही मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली थी।

गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन के निदेशक मनीष गुरवानी ने कहा, ‘टाटा को धोलेरा में जमीन के लिए आवंटन पत्र दिया जा चुका है और सीजी पावर को साणंद में जमीन के लिए प्रस्ताव-सह-आवंटन पत्र दिया गया है। हम इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन से परियोजना को औपचारिक मंजूरी पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद गुजरात सरकार अपनी ओर से मंजूरी पत्र प्रदान करेगी। केंद्र और राज्य सरकारें परियोजना की कुल लागत का करीब 70 फीसदी बतौर प्रोत्साहन देंगी।’

उन्होंने कहा कि टाटा और उसकी तकनीकी साझेदार ताइवान की पीएसएमसी की टीम ने परियोजना स्थल का मुआयना किया है और फैब संयंत्र के आवश्यक पानी, बिजली, अपशिष्ट शोधन क्षमता आदि के लिए धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र प्राधिकरण से चर्चा की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि टाटा को जमीन की 25 फीसदी कीमत पेशगी देनी होगी और बाकी कीमत गुजरात सरकार बतौर सब्सिडी धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र विशेष उद्देश्यीय इकाई को चुकाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2013 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने धोलेरा के विकास की महत्त्चाकांक्षी योजना की नींव रखी थी। यह अहमदाबाद से 110 किलोमीटर की दूरी पर है। परियोजना का पहला चरण 22.5 वर्ग किलोमीटर में फैला है और पूरा होने के बाद यह सिंगापुर शहर से भी बड़ा होगा।

गुजरात सरकार के अधिकारियों ने कहा कि धोलेरा में 8 फैब कारखानों के लिए पर्याप्त पानी (नर्मदा नहर से) है। साथ ही वहां उच्च गुणवत्ता वाली बिजली भी है, जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले 40 फीसदी सस्ती है। इससे पहले गुजरात सरकार ने 1.54 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश वाली वेदांत-फॉक्सकॉन की फैब एवं डिस्प्ले परियोजना के लिए धोलेरा में 600 एकड़ जमीन आवंटित की थी। मगर वह परियोजना शुरू नहीं हो पाई।

माइक्रॉन गुजरात के साणंद में अपना एटीएमपी कारखाना लगा रही है। उसकी 2.75 अरब डॉलर की परियोजना के लिए 93 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। धोलेरा में टाटा की यह दूसरी परियोजना होगी। इससे पहले वह एयरबस के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम में शामिल थी। वह कंसोर्टियम धोलेरा में परिवहन विमान बनाने का कारखाना लगाने की योजना बना रहा था। धोरेला में टाटा सोलर पावर भी मौजूद है जो 300 मेगावाट सिंगल-ट्रैकर सोलर ट्रैकर सिस्टम पहले ही चालू कर चुकी है।
 

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