क्या आपने आजमाए हैं अमीर बनने के ये 5 तरीके

Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 May, 2018 11:20 AM

have you tried these 5 ways to become rich

प्रॉपर्टी बनाना आसान काम नहीं है। हालांकि छोटे ही सही लेकिन ठीक तरीके से कदम उठाए जाएं तो इस राह में लंबी दूरी आसानी से तय की जा सकती है। नियमित रूप से निवेश करें, फाइनैंशियल टूल्स को समझें और डेट, सेविंग्स व खर्च के संतुलन को साध लें तो अपने...

नई दिल्लीः प्रॉपर्टी बनाना आसान काम नहीं है। हालांकि छोटे ही सही लेकिन ठीक तरीके से कदम उठाए जाएं तो इस राह में लंबी दूरी आसानी से तय की जा सकती है। नियमित रूप से निवेश करें, फाइनैंशियल टूल्स को समझें और डेट, सेविंग्स व खर्च के संतुलन को साध लें तो अपने फाइनैंशियल टार्गेट्स हासिल कर सकते हैं। ये 5 बातें लंबी अवधि के लिए सम्पत्ति बनाने में मददगार हो सकती हैं।

जल्द शुरूआत करना फायदेमंद
हमें प्राय: बताया जाता है कि पैसे से ही पैसा बनता है। हालांकि मामूली रकम से भी बड़ी वैल्थ बनाई जा सकती है। एनट्रस्ट फैमिली आफिस इन्वैस्टमैंट एडवाइजर्स के को-फाऊंडर और डायरैक्टर रमेश बुक्का ने कहा, ‘‘निवेशकों को बचत की शुरूआत जल्द करनी चाहिए। इससे बचत को बढऩे का लंबा समय मिलता है। खर्च यथासंभव कम रखते हुए बचत लगातार करनी चाहिए।’’

इक्विटी का रास्ता
इक्विटी में म्यूचुअल फंड्स के जरिए या सीधे शेयरों में ही निवेश करना कम्पाऊंडिंग की ताकत का फायदा लेने का अच्छा तरीका है। इक्विटी इन्वैस्टमैंट्स में शार्ट टर्म के लिए वोलैटिलिटी दिख सकती है लेकिन लांग टर्म के लिए यह बहुत अच्छा रास्ता है। लंबी अवधि में इक्विटी से बहुत अच्छा इंफ्लेशन एडजस्टेड रिटर्न मिलता है।

निवेश के लिए समय दें
निवेशकों को जीवन के शुरूआती वर्षों में वित्तीय रूप से जिम्मेदारी भरे कदम उठाने चाहिएं। बचत, खर्च, बजट बनाने और निवेश करने की बातें जल्द सीखने से निवेशकों को सुरक्षित भविष्य के लिए ठीक-ठाक जानकारी पर आधारित निर्णय करने में आसानी होती है। बुक्का ने कहा, ‘‘भारत में तीन-चौथाई वयस्क बेसिक फाइनैंशियल कांसैप्ट्स नहीं समझते हैं, खासतौर से युवा जो अपने करियर के शुरूआती दौर में होते हैं। अच्छे निर्णय से पैसे के बढऩे की संभावना भी बढ़ती है।’’

लक्ष्य तय करें
आजकल युवा आमदनी में बढ़ौतरी शुरू होते ही लोन लेने लगते हैं। कर्ज का मामला अगर ठीक से संभाला न जाए तो सपनों को धराशायी कर सकता है। लोगों के कर्ज में बड़ा हिस्सा होम लोन का होता है। यह जरूरी मामला तो है लेकिन जीवन के जिस चरण में वे मकान खरीदते हैं उसका बड़ा असर उनके रिटायर होने के वक्त की माली हालत पर पड़ता है। बचत के लक्ष्य बनाने और उनके लिए एक तय रकम अलग करते जाने से बढ़ा कर्ज लेने से बचा जा सकता है। इसके अलावा निवेशकों को अपनी नैटवर्थ के लिए वास्तविक लक्ष्य लिख डालने चाहिएं और समय-समय पर उनकी समीक्षा करनी चाहिए।

एंप्लॉयर की स्कीम्स का उपयोग करें
एंप्लायी प्रॉविडैंट फंड में निवेश करना अच्छी बात है। हालांकि अगर आपका एंप्लॉयर एन.पी.एस. या सुपरएनुएशन स्कीम्स ऑफर कर रहा हो तो उसे सब्सक्राइव करें। विशेषज्ञों का कहना है कि रिटायरमैंट फंड्स में निवेश से तात्कालिक लिक्विडिटी कम भले हो जाए लेकिन रिटायरमैंट के बाद के लिए अच्छा इंतजाम हो जाता है।

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