पिछले दो चुनावी वर्षों में मकानों की बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2024 02:23 PM

house sales hit new records in last two election years

एनारॉक डॉट ग्रुप का कहना है कि डेटा रुझानों से संकेत मिलता है कि पिछले दो चुनावी वर्षों 2014 और 2019 में मकानों की बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए। रियलिटी क्षेत्र की कंपनी ने बताया कि 2014 में शीर्ष सात शहरों में बिक्री लगभग 3.45 लाख यूनिट तक पहुंच गई...

नई दिल्लीः एनारॉक डॉट ग्रुप का कहना है कि डेटा रुझानों से संकेत मिलता है कि पिछले दो चुनावी वर्षों 2014 और 2019 में मकानों की बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए। रियलिटी क्षेत्र की कंपनी ने बताया कि 2014 में शीर्ष सात शहरों में बिक्री लगभग 3.45 लाख यूनिट तक पहुंच गई थी, जबकि नये लॉन्च लगभग 5.45 लाख यूनिट के साथ नए रिकॉर्ड पर थे।

एनारॉक ने कहा कि इसी तरह, 2016 और 2019 के बीच आवासीय अचल संपत्ति बाजार में सुस्ती के बाद 2019 में मकानों की बिक्री लगभग 2.61 लाख इकाई तक बढ़ गई, जबकि नए लॉन्च लगभग 2.37 लाख इकाई पर रहे। पिछले दो चुनावी वर्षों के डेटा संकेत देते हैं कि आम चुनाव और मकानों की बिक्री में करीबी संबंध है।

एनारॉक ने कहा कि 2016 और 2017 में पेश नोटबंदी, रेरा और जीएसटी जैसे प्रमुख संरचनात्मक सुधारों ने भारतीय रियल एस्टेट को अनियंत्रित बाजार से अधिक संगठित और विनियमित बाजार में बदल दिया। एनारॉक ग्रुप के अध्यक्ष अनुज पुरी कहते हैं, "2014 और 2019 में आवास बाजार के अभूतपूर्व प्रदर्शन का एक प्रमुख कारक निर्णायक चुनाव परिणाम रहे होंगे। घर खरीदने वालों के लिए यह सीमा-रेखा पर इंतजार का अंत था और 'खरीदने' के लिए सक्रिय होने की दिशा में एक आश्वस्त कदम था।"

इन चुनावी वर्षों में कीमतों के रुझान की जांच करने पर पता चलता है कि 2014, 2019 की तुलना में बेहतर वर्ष था। डेटा बताता है कि 2014 मे शीर्ष सात शहरों में औसत कीमतें एक साल पहले की तुलना में छह प्रतिशत से अधिक बढ़ीं। एनारॉक ने कहा कि 2019 में औसत कीमतें सालाना केवल एक प्रतिशत बढ़ीं।

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