IDBI बैंक का निजीकरण, सफलता मिली तो अन्य सरकारी बैंकों पर भी लागू हो सकता है मॉडल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2020 05:34 PM

idbi bank s privatization if successful may apply to other public sector

भारत में कभी औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के मकसद से बनाए गए आईडीबीआई बैंक में सरकार ने अपनी पूरी हिस्सेदारी को बेचने का ऐलान कर एक तरह से बैंकिंग के भविष्य को लेकर अहम संकेत दिए हैं। इंदिरा गांधी ने 50 साल पहले 1969 में 14 प्राइवेट बैंकों

नई दिल्लीः भारत में कभी औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के मकसद से बनाए गए आईडीबीआई बैंक में सरकार ने अपनी पूरी हिस्सेदारी को बेचने का ऐलान कर एक तरह से बैंकिंग के भविष्य को लेकर अहम संकेत दिए हैं। इंदिरा गांधी ने 50 साल पहले 1969 में 14 प्राइवेट बैंकों राष्ट्रीयकरण किया था लेकिन अब शायद सरकार इसकी विपरीत दिशा में कदम बढ़ा सकती है।

जानकारों के मुताबिक यदि सरकार को आईडीबीआई बैंक के निजीकरण में सफलता मिलती है तो घाटे में चल रहे या पूंजी के संकट से जूझ रहे अन्य बैंकों को लेकर भी ऐसा ही फैसला लिया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एलआईसी के 10 फीसदी हिस्से को शेयर बाजार में बेचे जाने को खबरों में काफी तवज्जो मिली, जबकि आईडीबीआई बैंक कम ही चर्चा में रहा।

फिलहाल सरकार की आईडीबीआई बैंक में 47 फीसदी की हिस्सेदारी है, जिसे अब पूरी तरह से बेचा जाएगा। सरकारी बैंकों में निजी हिस्सेदारी को बढ़ाया जाना हमेशा से विवादित मसला रहा है, लेकिन इस बार सरकार ने आईडीबीआई बैंक को लेकर जो ऐलान किया है, वह भविष्य के लिए भी बड़े संकेत देने वाला है।

अन्य बैंक भी जा सकते हैं निजीकरण की राह पर
भारतीय स्टेट बैंक समेत तमाम सरकारी बैंकों में फिलहाल केंद्र सरकार की 90 फीसदी तक की हिस्सेदारी है, लेकिन अब चीजें बदल सकती हैं। ऐसा तत्काल में होना मुश्किल है, लेकिन आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के नतीजे यदि अच्छे रहते हैं तो घाटे और एनपीए की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक जैसे अन्य संस्थानों को लेकर भी इस तरह के फैसले लिए जा सकते हैं।

LIC के 21,000 करोड़ से बना था IDBI बैंक
भारत में लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास के लिए जरूरी ऋण मुहैया कराने के मकसद से गठित आईडीबीआई बैंक का यदि निजीकरण होता है तो निश्चित है कि उद्देश्य भी प्रभावित होगा। आईडीबीआई एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था। उस दौरान LIC ने IDBI में 21000 करोड़ रुपये का निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदी थी।

RBI पहले ही दे चुका है निजी बैंक का दर्जा
आईडीबीआई बैंक को आरबीआई पहले ही निजी बैंक का दर्जा दे चुका है। जनवरी 2019 में एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी, जबकि सरकार के पास 47 फीसदी हिस्सेदारी ही रह गई थी। इसके बाद ही केंद्रीय बैंक ने आईडीबीआई को निजी बैंक घोषित कर दिया था।
 

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