Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Mar, 2020 01:40 PM
संकट में फंसी आईएलएंडएफएस ने पांच सड़क परियोजनाओं के लिए बोली वैधता की समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। इन परियोजनाओं पर कुल 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) को पांच सड़क परियोजनाओं के
नई दिल्लीः संकट में फंसी आईएलएंडएफएस ने पांच सड़क परियोजनाओं के लिए बोली वैधता की समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। इन परियोजनाओं पर कुल 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) को पांच सड़क परियोजनाओं के लिए समयबद्ध बाध्यकारी बोलियां मिली थी लेकिन उन बोलियों की वैधता 29 फरवरी को समाप्त हो गई।
ये पांच परियोजनाएं हैं चेन्नई-नासरी सुरंग परियोजना (सीएनटीएल), पुणे शोलापुर सड़क विकास (पीएसआरडीसीएल), जोराबाट-शिलांग एक्सप्रेसवे लि. (जेएसईएल), हजारीबाग रांची एक्सप्रेसवे (एचआरईएल) और झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर इम्पीमेन्टेशन कंपनी (जेआईआईसीएल)। कंपनी द्वारा राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष हलफनामे के अनुसार पांच परियोजनाओं के लिए कुल 7,498 करोड़ रुपए की बोलियां मिली जबकि इस पर कुल 10,500 करोड़ रुपये का कर्ज था।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर आईएलएंडएफएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम बोलियों की समयसीमा बढ़ाने को लेकर बोलीदाताओं के साथ काम कर रहे हैं। हम समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी के बाद सौदे को पूरा करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन करेंगे।'' पांच परियोजनाओं में से कंपनी को हाल ही में तीन परियोजनाओं पीएसआरडीसीएल, जेएसईएल और सीएनटीएल के लिए कर्जदाताओं से मंजूरी मिली है। इसके लिए कुल 6,250 करोड़ रुपए की बोलियां आई हैं।
हालांकि, समयसीमा समाप्त होने के कारण कर्जदाताओं की मंजूरी के बाद भी इन संपत्तियों की बिक्री को लेकर चुनौतियां आ सकती हैं। सरकार ने आईएल एंड एफएस पर 90,000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज का मामला सामने आने के बाद अक्टूबर 2018 में ऋण में डूबी कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया तथा निदेशक मंडल को हटाते हुए कोटक महिंद्रा बैंक कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उदय कोटक की अगुवाई में नया निदेशक मंडल नियुक्त किया।