Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Oct, 2023 01:04 PM
इंटरनैशनल मॉनेटिरी फंड (IMF) ने मौजूदा फाइनेंशल ईयर के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3% बढ़ा दिया है। उसका कहना है कि जून तिमाही के दौरान खपत में काफी तेजी देखने को मिली है। दूसरी ओर उसने चीन के ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। IMF ने...
बिजनेस डेस्कः इंटरनैशनल मॉनेटिरी फंड (IMF) ने मौजूदा फाइनेंशल ईयर के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3% बढ़ा दिया है। उसका कहना है कि जून तिमाही के दौरान खपत में काफी तेजी देखने को मिली है। दूसरी ओर उसने चीन के ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। IMF ने जुलाई में भारत की \RGDP ग्रोथ रेट के 6.1% रहने का अनुमान जताया था। यह आंकड़ा इस अवधि में भारतीय रिजर्व बैंक के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से कम था।
IMF ने कहा कि मॉनेटिरी पॉलिसी अनुमानों के मुताबिक मध्यम अवधि में भारतीय रिजर्व बैंक इंफ्लेशन के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। IMF ने कहा कि भारत ने अप्रैल-जून, 2023 के दौरान 35 से 40 प्रतिशत कच्चे तेल का आयात रूस से किया, जबकि यूक्रेन युद्ध से पहले यह आंकड़ा पांच प्रतिशत से भी कम था। IMF के मुताबिक भारत में अप्रैल-जून तिमाही में खपत के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस तिमाही में देश की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी।
बेरोजगारी दर निचले स्तर पर
एक सरकारी सर्वेक्षण में यह तथ्य निकल कर आया है कि देश में जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की बेरोजगारी दर छह साल के निचले स्तर, 3.2 प्रतिशत पर रही। बेरोजगारी या बेरोजगारी दर को श्रमबल में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है। National Sample Survey Office (NSSO) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए सामान्य स्थिति में बेरोजगारी दर (UR) 2021-22 में 4.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत हो गई।