अब कम कीमत पर मिलेंगी स्विस घड़ियां और चॉकलेट, इस वजह से कम होंगे दाम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Mar, 2024 11:22 AM

india efta deal swiss watches and chocolates will be cheaper in the country

देश में अब लोगों को स्विस घड़ियां और चॉकलेट कम कीमतों पर मिलेंगी। इनकी कीमत कम होने जा रही है। दरअसल भारत ने स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिस्टेंस्टीन नाम के यूरोपीय देशों के एक ग्रुप के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन किया है। इस एग्रीमेंट में...

बिजनेस डेस्कः भारत और चार यूरोपीय देशों स्विट्जरलैंड,नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन (EFTA) ने रविवार को ऐतिहासिक व्यापार और आर्थिक समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अगले 15 साल में भारत में इन देशों से लगभग 8.27 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 10 लाख नौकरियां मिलेंगी।

सस्ती होंगी स्विस वॉच और चॉकलेट्स 

इस एग्रीमेंट के तहत टैरिफ को कम करने को लेकर डील हुई है। एग्रीमेंट के बाद अब भारतीयों को वर्ल्ड क्लास स्विस वॉच और चॉकलेट्स के लिए कम भुगतान करना होगा। इस एग्रीमेंट के तहत भारत चॉकलेट और घड़ियों के साथ-साथ स्विट्जरलैंड से आने वाली पॉकेट घड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी कम कर देगा।

वर्तमान में भारत चॉकलेट और चॉकलेट प्रोडक्ट्स पर 30% और स्विट्जरलैंड से आने वाली ज्यादातर घड़ियों पर 20% की इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है। 2022-23 में भारत और चार EFTA देशों के बीच टोटल ट्रेड 18.66 बिलियन डॉलर का रहा, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा स्विट्जरलैंड का था, उसके बाद नॉर्वे का स्थान रहा।

EFTA देशों को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट्स में ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल, ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और ज्वेलरी शामिल हैं। इसके अलावा, इन देशों से सोना, फार्मास्यूटिकल्स, घड़ियां और शिप और बोट्स इंपोर्ट किए जाते हैं।

भारत का सबसे बड़ा EFTA ट्रेडिंग पार्टनर है स्विटजरलैंड

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुमान के मुताबिक, द्विपक्षीय व्यापार में स्विटजरलैंड की हिस्सेदारी 91% है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा EFTA ट्रेडिंग पार्टनर बनाता है। एग्रीमेंट के हिस्से के रूप में जब भी समझौता लागू होगा, भारत स्विट्जरलैंड से आने वाली अधिकांश मशीनरी वस्तुओं और मेडिकल डिवाइस पर शुल्क को एक बार में हटा देगा।

इन्वेस्टमेंट से भारत में 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगी

इंडिया टुडे ने बताया कि भारत ने एग्रीमेंट के इंप्लिमेंटेशन के बाद पहले 10 सालों में 50 बिलियन डॉलर (4.13 लाख करोड़ रुपए) के इन्वेस्टमेंट कमिटमेंट की मांग की है। इसके अलावा ब्लॉक मेंबर्स से अगले पांच सालों में 50 बिलियन डॉलर के एडिशनल इन्वेस्टमेंट का कमिटमेंट भी मांगा है। इन इन्वेस्टमेंट से भारत में 1 मिलियन यानी 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट होंगी।

जनवरी 2008 से फ्री ट्रेड पैक्ट पर हो रही बातचीत

एग्रीमेंट में 14 चैप्टर्स हैं, जिनमें ट्रेड इन गुड्स, रूल ऑफ ओरिजिन, ट्रेड इन सर्विसेज, इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड कॉर्पोरेशन, गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPRs), टेक्निकल बैरियर टू ट्रेड और ट्रेड फैसिलिटेशन शामिल है। भारत और EFTA इकोनॉमिक रिलेशंस को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2008 से फ्री ट्रेड पैक्ट पर बातचीत कर रहे हैं।

पीयूष गोयल बोले- सभी देशों के लिए विन-विन कंडीशन

यूनियन मिनिस्टर पीयूष गोयल ने PM नरेंद्र मोदी के हवाले से कहा, 'कई पहलुओं में स्ट्रक्चरल डायवर्सिटी के बावजूद हमारी इकोनॉमीज में कॉम्प्लिमेंटरीटीज यानी पूरकताएं हैं, जो सभी देशों के लिए विन-विन कंडीशन होने का वादा करती हैं। ट्रे़ड और निवेश के नए अवसरों के खुलने से हमारा ट्रस्ट और एंबिशन एक नए लेवल पर पहुंच गया है। ट्रेड एग्रीमेंट युवाओं के लिए विकास और रोजगार पैदा करने के हमारे साझा समझौते का प्रतीक है।'

पीयूष गोयल ने कहा, 'कई रिफॉर्म्स के माध्यम से हमने व्यापार करने में आसानी को बढ़ाया है, जिससे हमारे देश को ट्रेड, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स में नई ऊंचाइयों को छूने में मदद मिली है।

 

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