भारत का खली निर्यात बीते वित्त वर्ष में बढ़कर 48.86 लाख टन पर: एसईए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Apr, 2024 04:34 PM

india s cake export increased to 48 86 lakh tonnes in the last

भारत का तेल खली निर्यात बीते वित्त वर्ष (2023-24) में बढ़कर 48.86 लाख टन रहा है। उद्योग संगठन एसईए ने बृहस्पतिवार को कहा कि सोयाबीन खली के निर्यात में सुधार से निर्यात आंकड़ा बढ़ा है। खली का उपयोग पशु चारे के रूप में किया जाता है। देश का खली निर्यात...

नई दिल्लीः भारत का तेल खली निर्यात बीते वित्त वर्ष (2023-24) में बढ़कर 48.86 लाख टन रहा है। उद्योग संगठन एसईए ने बृहस्पतिवार को कहा कि सोयाबीन खली के निर्यात में सुधार से निर्यात आंकड़ा बढ़ा है। खली का उपयोग पशु चारे के रूप में किया जाता है। देश का खली निर्यात बीते वित्त वर्ष में रुपये के लिहाज से भी सर्वाधिक 15,368 करोड़ रुपए का रहा है। मात्रा के हिसाब से पिछला सर्वाधिक आंकड़ा 2013-14 में 43.81 लाख टन रहा था, जबकि कीमत के मामले में यह 11,500 करोड़ रुपए रहा था।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने बयान में कहा, “मात्रा और मूल्य के हिसाब से 2013-14 के बाद से यह खली का सर्वाधिक निर्यात है।” बीते वित्त वर्ष में कुल खली निर्यात सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 48.8 लाख टन रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 43.36 लाख टन था। उद्योग संगठन ने कहा कि सोयाबीन खली के निर्यात में साल के दौरान सुधार हुआ और वित्त वर्ष 2023-24 में यह 21.33 लाख टन रहा, जबकि 2022-23 में यह 10.22 लाख टन था। 

निर्यात बढ़ने का कारण भारतीय सोयाबीन खली का अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी होना है। एसईए ने कहा कि हालांकि, आने वाले महीनों में सोयाबीन खली का निर्यात धीमा हो सकता है क्योंकि वर्तमान में भारतीय कीमतें अर्जेंटीना की तुलना में अधिक हैं। 

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