Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2023 12:42 PM
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत ब्रिटेन द्वारा आयात शुल्क हटाने से भारत के उच्च गुणवत्ता वाले सामान जैसे परिधान, जूते, कालीन और कारों को फायदा होगा। शोध संस्थान जीटीआरआई ने यह बात कही। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च...
नई दिल्लीः भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत ब्रिटेन द्वारा आयात शुल्क हटाने से भारत के उच्च गुणवत्ता वाले सामान जैसे परिधान, जूते, कालीन और कारों को फायदा होगा। शोध संस्थान जीटीआरआई ने यह बात कही। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, हालांकि भारत के लिए समग्र लाभ सीमित होगा क्योंकि यहां से अधिकतर सामान पहले से ही कम या शून्य शुल्क (आयात या सीमा शुल्क) पर ब्रिटेन जाता है।
शोध संस्थान ने कहा कि 2022-23 में ब्रिटेन को भारत का व्यापारिक निर्यात 11.41 अरब अमेरिकी डॉलर का था। इसमें से छह अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान जैसे पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, हीरे, मशीन के उपकरण, हवाई जहाज और लकड़ी की वस्तुएं शून्य शुल्क पर ब्रिटेन पहुंचे। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफटीए से इन निर्यातों को बढ़ाने पर सीमित प्रभाव पड़ने की उम्मीद है क्योंकि आधे से अधिक भारतीय उत्पाद पहले से ही कम या बिना शुल्क के ब्रिटेन जाते हैं। भारत से ब्रिटेन में आयातित वस्तुओं पर औसत शुल्क 4.2 प्रतिशत है।''
हालांकि, पांच अरब अमेरिकी डॉलर के भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करने से लाभ होगा और उन वस्तुओं में कपड़ा, परिधान (कमीज, पतलून, महिलाओं के कपड़े), जूते, कालीन, कार, समुद्री उत्पाद, अंगूर और आम शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन उत्पादों को ब्रिटेन में अपेक्षाकृत कम से मध्यम शुल्क का सामना करना पड़ता है।'' शोध संस्थान ने उदाहरण देते हुए कहा कि यार्न तथा कपड़े पर शुल्क चार प्रतिशत है, जबकि कमीज, पतलून, महिलाओं के कपड़े तथा ‘बेड लिनन' पर शुल्क 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक है। इसी तरह हैंडबैग तथा ट्रंक केस पर आठ प्रतिशत शुल्क लगता है, जूते पर शुल्क चार प्रतिशत से 16 प्रतिशत तक होता है। इन उत्पादों को ब्रिटेन के एफटीए के तहत शुल्क कटौती से फायदा मिलेगा।