Edited By Isha,Updated: 11 Nov, 2018 04:21 PM
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य की पूर्ति के लिये किये गये सुधारों से देश का खुदरा खाद्य बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी और बाजारोन्मुखी हो गया है जिससे इस क्षेत्र में निवेश के 9.23 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढऩे की संभावना...
नई दिल्लीः वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य की पूर्ति के लिये किये गये सुधारों से देश का खुदरा खाद्य बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी और बाजारोन्मुखी हो गया है जिससे इस क्षेत्र में निवेश के 9.23 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढऩे की संभावना है। उद्योग संगठन एसोचैम और टेकसाइ रिसर्च के संयुक्त अध्ययन’फूड वैल्यू चेन:पार्टनरशिप इन इंडिया’के मुताबिक देश के खुदरा खाद्य बाजार में निवेश वर्ष 2017 के 487 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2023 तक 827 अरब डॉलर हो सकता है।
अध्ययन के मुताबिक देश का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आने वाले वर्षों में मात्रा की तुलना में मूल्य के आधार पर अधिक बढ़ेगा ,जिससे यह स्पष्ट होता है कि दुनिया भर में भारतीय उत्पाद की कीमतों में बढोतरी होगी। एसोचैम का कहना है कि यह छोटे किसानों के लिये एक सुनहरा अवसर होगा, जो निर्यातकों के साथ मिलकर अपनी आय बढाने की दिशा में काम कर सकते हैं। ऐसे किसान करार करके खेती कर सकते हैं या उन्नत प्रौद्योगिक उपकरणों का इस्तेमाल करके उत्पादन बढ़ा सकते हैं।