Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jun, 2023 12:34 PM
गोवा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सड़कों पर दौड़ रहे दोपहिया में 15 फीसदी से ज्यादा इलेक्ट्रिक हैं। उधर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके हैं। इस साल जनवरी से मई की अवधि के लिए वाहन डैशबोर्ड के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।...
नई दिल्लीः गोवा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सड़कों पर दौड़ रहे दोपहिया में 15 फीसदी से ज्यादा इलेक्ट्रिक हैं। उधर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया बिके हैं। इस साल जनवरी से मई की अवधि के लिए वाहन डैशबोर्ड के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। भारत में 31 मई तक सड़कों पर दौड़ने वाले दोपहिया वाहनों में 5.63 फीसदी इलेक्ट्रिक दोपहिया हैं। 2022 में 4.05 फीसदी दोपहिया ही इलेक्ट्रिक थे। साल 2023 के पहले पांच महीनों में देश में 3,92,681 ई-दोपहिया वाहन बिके।
सरकार का लक्ष्य 2030 तक कुल दोपहिया वाहनों में 80 फीसदी ई-दोपहिया करना है। इस लिहाज से यह रफ्तार अच्छी है। साल 2019 में किसी भी राज्य में ई-दोपहिया 1 फीसदी से अधिक नहीं थे। मगर राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि अब कुछ राज्य काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सबसे ज्यादा ई-दोपहिया हिस्सेदारी गोवा में दिखी तो महाराष्ट्र में 31 मई तक सबसे अधिक 76,304 ई-दोपहिया वाहन बिक गए। पिछले साल महाराष्ट्र में 117,557 ई-दोपहिया वाहन बिके थे, जो दूसरे पायदान पर मौजूद कर्नाटक से करीब एक तिहाई ज्यादा रहे।
दस राज्यों में राष्ट्रीय औसत से अधिक ई-दोपहिया दिखे। इन राज्यों में गोवा (17.20 फीसदी), केरल (13.66 फीसदी), कर्नाटक (12.19 फीसदी), महाराष्ट्र (10.74 फीसदी), गुजरात (8.70 फीसदी), राजस्थान (7.15 फीसदी), आंध्र प्रदेश (6.44 फीसदी), छत्तीसगढ़ (6.32 फीसदी), तमिलनाडु (6.31 फीसदी) और ओडिशा (6.17 फीसदी) शामिल हैं।
ई-दोपहिया की बिक्री के लिहाज से गोवा, केरल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा को छोड़कर ये सभी शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हैं। साल 2022 में कुल 630,893 ई-दोपहिया बिके, जिनमें इन 10 राज्यों का योगदान करीब 78 फीसदी रहा। मगर कुल दोपहिया बिक्री में उनकी हिस्सेदारी 52 फीसदी से ही रही। उद्योग विशेषज्ञ का कहना है कि ई-दोपहिया की बिक्री को कर माफी, सस्ती बिजली, मजबूत चार्जिंग व्यवस्था, स्क्रैपिंग प्रोत्साहन, बैटरी रीसाइक्लिंग में निवेश और हरेक श्रेणी के लिए अलग-अलग समयसीमा का फायदा मिला।
एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘क्रय शक्ति और व्यापक ईवी नीति से देश में ईवी की बिक्री को रफ्तार मिली है। राज्यों ने जितने ज्यादा प्रोत्साहन दिए, उतना ही बेहतर नतीजा उन्हें मिला।’ सबसे ज्यादा दोपहिया वाले 10 राज्यों में कर्नाटक ने सबसे पहले 2017 में ईवी नीति तैयार की थी। गोवा ने पिछले साल जुलाई में अपनी ईवी नीति खत्म कर दी। बाकी 9 राज्यों में से कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में ई-दोपहिया वाहनों के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क शून्य कर दिया है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में ई-दोपहिया कम ही हैं। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में इस साल के पहले पांच महीनों में कुल 1,287 ई-दोपहिया बिके। तीन राज्यों- झारखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में 2022 में कुल दोपहिया में ई-दोपहिया की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम थी। मगर 2023 के पहले पांच महीनों में इसमें काफा बढ़ोतरी हुई है।