Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2019 03:36 PM
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने शुक्रवार को कहा कि उसकी अपने कारोबार वृद्धि लिए वित्त जरूरतों को पूरा करने और विभिन्न कृषि तथा ग्रामीण विकास योजनाओं को समर्थन देने को लेकर चालू वित्त वर्ष में करीब 55,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने शुक्रवार को कहा कि उसकी अपने कारोबार वृद्धि लिए वित्त जरूरतों को पूरा करने और विभिन्न कृषि तथा ग्रामीण विकास योजनाओं को समर्थन देने को लेकर चालू वित्त वर्ष में करीब 55,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। नाबार्ड के चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि बाजार से कर्ज पिछले वित्त वर्ष के लगभग बराबर रहेगा। हमारा 2019-20 में घरेलू बाजार से 55,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है।
वित्तीय संस्थान पहले ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बाजार से 12,000 करोड़ रुपए जुटा चुका है। नाबार्ड दीर्घकालीन बांड के जरिए कोष जुटाता है। इन बांडों की अवधि सामान्य तौर पर 10 से 15 साल होती है। पिछले वित्त वर्ष में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिए 56,069 करोड़ रुपए जुटाए। इसमें 33,169 करोड़ रुपए सरकारी योजनाओं के लिए और शेष संगठन के अपने वित्त पोषण जरूरतों के लिए था।
नाबार्ड जिन सरकारी योजनाओं को वित्त पोषण उपलब्ध कराता है, उसमें स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शामिल हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में नाबार्ड द्वारा दिया गया कर्ज करीब 22 प्रतिशत बढ़कर 4.32 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।