Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Aug, 2020 02:38 PM
नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का निजीकरण कर दे। ये बैंक हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। इन सुझावों में सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है।
बिजनेस डेस्कः नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का निजीकरण कर दे। ये बैंक हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। इन सुझावों में सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एनबीएफसी को अधिक छूट देने की बात कही जा रही है।
इसी सप्ताह की शुरुआत में इस बात की खबरें भी आ रही थीं कि सरकार नुकसान में चल रही इंडिया पोस्ट को ग्रामीण बैंकों के साथ विलय कर सकती है। इसके बाद एक नया पब्लिक सेक्टर बैंक बनेगा, जो नुकसान को मात दे सकेगा। भारत सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करने की योजना बना रही है। योजना ये है कि इनकी संख्या घटाकर 5 पर ले आया जाए।
इसकी शुरुआत बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक के अपने शेयर्स बेचने से हो सकती है। इसी बीच बुधवार को पीएम मोदी ने बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी और बैंकिंग सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा की थी।
आपको बता दें कि पिछले साल आईडीबीआई बैंक में भी हिस्सेदारी LIC को बेच दी थी। इसके बाद से ये बैंक प्राइवेट हो गया है। IDBI एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था। LIC ने IDBI में 21000 करोड़ रुपए का निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदी थी। इसके बाद LIC और सरकार ने मिलकर 9300 करोड़ रुपए IDBI बैंक को दिए थे। इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 4,743 करोड़ रुपए थी।