Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Mar, 2024 03:46 PM
स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों में बढ़ते निवेश पर बाजार नियामक सेबी की चिंता के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि इन फंडों में निकासी का कोई चिंताजनक संकेत नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि चिंताओं के बावजूद बेहतर प्रतिफल की चाहत में इन फंडों में निवेश जारी...
नई दिल्लीः स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों में बढ़ते निवेश पर बाजार नियामक सेबी की चिंता के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि इन फंडों में निकासी का कोई चिंताजनक संकेत नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि चिंताओं के बावजूद बेहतर प्रतिफल की चाहत में इन फंडों में निवेश जारी रहने का अनुमान है। सेबी ने पिछले महीने के अंत में म्यूचुअल फंड कंपनियों से कहा था कि वे उन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक रूपरेखा तैयार करें, जिन्होंने स्मॉल कैप और मिड कैप फंडों में निवेश किया है। पिछली कुछ तिमाहियों में इन योजनाओं में भारी निवेश के कारण सेबी ने यह कदम उठाया।
मिड कैप म्यूचुअल फंड ने कुल मिलाकर 2023 में लगभग 23,000 करोड़ रुपए जुटाए, जबकि स्मॉल कैप योजनाओं के लिए यह आंकड़ा 41,000 करोड़ रुपए से अधिक था। इससे पहले 2022 में मिड कैप फंडों ने 20,550 करोड़ रुपए और स्मॉल कैप फंडों ने 19,795 करोड़ रुपए जुटाए थे। दूसरी ओर लार्ज कैप म्यूचुअल फंडों में 2023 के दौरान लगभग 3,000 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी हुई।
फिनवाइजर के संस्थापक और सीईओ जय शाह ने कहा कि चेतावनियों के बावजूद मिड कैप और स्मॉल कैप फंडों में निवेश जारी रहने का अनुमान है। फिलहाल निकासी का कोई चिंताजनक संकेत नहीं है। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के फंड मैनेजर निकेत शाह ने कहा कि अल्पावधि में स्मॉल कैप और मिड कैप खंड में कुछ गिरावट हो सकती है लेकिन इन योजनाओं में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रहेगी।