बैंकों के बाद LIC पर भी एनपीए का संकट, 36694 करोड़ के पार पहुंचा आंकड़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Jul, 2020 12:50 PM

npa s crisis on lic after banks figure crossed 36694 crore

बैंकों के बाद सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के एनपीए में भी इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 2019-20 में 8.17 फीसदी हो गया है। एक साल पहले यह आंकड़ा 6.15 फीसदी का ही था।

नई दिल्लीः बैंकों के बाद सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के एनपीए में भी इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 2019-20 में 8.17 फीसदी हो गया है। एक साल पहले यह आंकड़ा 6.15 फीसदी का ही था। स्पष्ट है कि बीते एक साल में ही एलआईसी के एनपीए में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एलआईसी की कुल परिसंपत्तियों का आंकड़ा 31.96 लाख करोड़ हो गया है, जिसमें फाइनेंशियल ईयर 2019 के मुकाबले मामूली इजाफा ही हुआ है। बीते साल एलआईसी की एसेट्स 31.1 लाख करोड़ रुपए थी। इस लिहाज से देखें तो एक साल के अंतराल में एलआईसी की परिसंपत्तियों में मामूली इजाफा ही देखने को मिला है। एलआईसी के एनपीए में बढ़ोतरी से आम लोगों की पूंजी पर जोखिम भी बढ़ा है।

एलआईसी के एक सीनियर अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘अर्थव्यवस्था में जो स्थिति पैदा हुई है, एनपीए में इजाफा उसका ही परिणाम है। खासतौर पर कॉरपोरेट सेक्टर में डिफॉल्ट और डाउनग्रेड के चलते एनपीए में इजाफा हुआ है। कॉरपोरेट कर्ज के आधार पर एनपीए 8.17 फीसदी है, लेकिन इसके लिए कुल एसेट्स की तुलना में देखेंगे तो यह 1 फीसदी के करीब ही है।’

20 मार्च को एलआईसी का एनपीए कुल 36,694.20 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है, जो बीते साल 24,772.2 करोड़ रुपए था। इसके अलावा 30 सितंबर, 2019 तक एलआईसी का एनपीए बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। दरअसल बीते कुछ सालों में कॉरपोरेट कर्ज के डिफॉल्टर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके चलते एलआईसी का एनपीए भी बढ़ा है।

दरअसल एलआईसी की कुल पूंजी में से 68 से 70 फीसदी रकम केंद्र और राज्य सरकारों की सिक्योरिटीज पर निवेश की गई हैं। इसके अलावा बाकी रकम को इक्विटीज और कॉरपोरेट कर्ज में निवेश किया गया है। एलआईसी ने 2019-20 में पिछले साल की तुलना में पहले साल की प्रीमियम के मामले में 25 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, जबकि प्राइवेट कंपनियों की ग्रोथ 11.64% ही रही है। एलआईसी की प्रीमियम से कुल आय में 12.42 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह अब 3.79 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

इन कंपनियों पर फंसी एलआईसी की रकम: दरअसल बैंकों की तरह ही एलआईसी को भी बड़े कॉरपोरेट समूहों के लोन पर चपत लगी है। एलआईसी से कर्ज लेकर दबा लेने वाली डिफॉल्टर कंपनियों में कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें एस्सार पोर्ट, गैमन, IL&FS, डेक्कन क्रॉनिकल, भूषण पावर, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, आलोक इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!