Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 May, 2018 03:58 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 2,000 मेगावाट सौर परियोजनाओं की नीलामी की योजना जून के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी है। कंपनियों की इस नीलामी से पहले राज्यों के बीच बिजली पारेषण के मुद्दे के समाधान की मांग को देखते हुए यह कदम...
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 2,000 मेगावाट सौर परियोजनाओं की नीलामी की योजना जून के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी है। कंपनियों की इस नीलामी से पहले राज्यों के बीच बिजली पारेषण के मुद्दे के समाधान की मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
उद्योग सूत्रों के अनुसार इसके अलावा सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (एसईसीआई) 2,000 मेगावाट की सौर क्षमताओं के लिए बोली आगे बढ़ा सकती है। इसकी नीलामी जून के पहले सप्ताह में होनी है। सूत्रों के अनुसार एनटीपीसी की 2,000 मेगावाट सौर क्षमताओं के लिए बोली 21 मई, 2018 को लगाई जानी थी। इसे अब आगे बढ़ाकर जून के पहले सप्ताह में कर दिया गया है। सौर ऊर्जा विकास से जुड़ी कंपनियों ने अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली के जरिए बिजली पारेषण के लिए कनेक्टिविटी के संदर्भ में होने वाली कठिनाइयों को लेकर चिंता जताई थी। इस पर विचार करते हुए उक्त कदम उठाया गया।
सोलर पावर डेवलपर्स एसोसिएशन ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) को पत्र लिखकर सौर ऊर्जा की नीलामी तब तक के लिए टालने को कहा था जब तक अंतर-राज्यीय पारेषण के जरिए कनेक्टिविटी से जुडे मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता। कंपनियों ने बोली से पहले एमएनआरई और एसईसीआई के अधिकारियों के साथ पिछले सप्ताह हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था। सरकार ने 2018-19 और 2019-20 में 60,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमताओं की नीलामी की योजना बनाई है ताकि 2022 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। मार्च 2020 तक सौर क्षमता की नीलामी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर के बाद सौर परियोजना को पूरा करने में 15 महीने का समय लगता है। भारत की सौर ऊर्जा क्षमता फिलहाल 22,000 मेगावाट है।