Edited By ,Updated: 13 Oct, 2015 07:00 PM
प्याज आपूर्ति में सुधार और इसके निर्यात पर लागू प्रतिबंध के चलते एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव ....
नई दिल्ली: प्याज आपूर्ति में सुधार और इसके निर्यात पर लागू प्रतिबंध के चलते एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक बिक्री मूल्य 30 रुपए किलो से नीचे आ गया।
नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी एवं शोध न्यास (एनएचआरडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार प्याज का थोक बिक्री मूल्य आज लासलगांव में घटकर 28.50 रपये किलो रह गया जो अगस्त में एक समय 57 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया था। एनएचआरडीएफ के निदेशक आर. पी. गुप्ता ने पीटीआई को बताया, आयात से घरेलू स्तर पर प्याज उपलब्धता में सुधार तथा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में खरीफ प्याज की ताजा आवक को देखते हुए आने वाले महीनों में इसके दाम में और कमी आने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में लासलगांव में प्याज का थोक बिक्री मूल्य 20 से 30 रुपए किलो के दायरे में रहने की उम्मीद है। सरकारी उपक्रम एमएमटीसी ने प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए चीन और मिस्र से 2,000 टन प्याज आयात के लिए अनुबंध किया है।
प्याज का आयात करने के अलावा सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य को बढ़ाकर निर्यात पर अंकुश लगाया है, प्याज का स्टॉक रखने की सीमा को सीमित कर और जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर प्याज की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में काम किया है। एनएचआरडीएफ के अनुसार कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खेतों से प्याज निकासी का काम जोर शोर से चल रहा है जबकि महाराष्ट्र में यह अभी शुरू ही हुआ है।
गुप्ता ने कहा, यद्यपि कमजोर बरसात के कारण महाराष्ट्र में उत्पादन कम हो सकता है लेकिन देश का उत्पादन लगभग पिछले वर्ष के उत्पादन के आसपास ही रहेगा। फसल वर्ष 2014-15 जुलाई से जून में प्याज उत्पादन एक करोड़ 87 लाख टन हुआ जो उसके पिछले वर्ष के 1.94 करोड़ टन के उत्पादन के मुकाबले कम रहा।