Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Mar, 2022 04:09 PM
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठहराव बाद इस सप्ताह वाहन ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर 140 डॉलर प्रति पर
नई दिल्लीः देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठहराव बाद इस सप्ताह वाहन ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर 140 डॉलर प्रति पर पहुंचने के बावजूद ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होने के बाद पेट्रोलियम कंपनियां अब अपने घाटे की भरपाई करने के लिए तैयार है।
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है।
गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिए पूरा करता है। तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है।