Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Mar, 2020 05:46 PM
पंजाब नेशनल बैंक ने अपना नया लोगो पेश किया है। दरअसल, एक अप्रैल से यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का PNB में विलय हो जाएगा। नए लोगो में सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों बैंकों के अलग-अलग साइनेज़ होंगे।
नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक ने अपना नया लोगो पेश किया है। दरअसल, एक अप्रैल से यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का PNB में विलय हो जाएगा। नए लोगो में सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों बैंकों के अलग-अलग साइनेज़ होंगे। इस विलय के साथ ही पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा जिसका कुल व्यापार और आकार 18 लाख करोड़ रुपए का होगा। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) देश का सबसे बड़ा बैंक, जिसका कुल बिजनेस करीब 52 लाख करोड़ रुपए का है। विलय के बाद अब ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के ग्राहक PNB ब्रांच में सेवाएं ले सकते हैं।
10 सरकारी बैंकों के विलय को RBI की मंजूरी
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शनिवार 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक, आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में विलय किया जाना है।
पीएनबी ने यह भी कहा कि चिंता करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि तीनों बैंक बेहतर, बड़े और मजबूत होने के लिए एक साथ आ रहे हैं। साथ में हम बड़े, मजबूत और तेज हैं। लोग और बैंकिंग अब पहले से ज्यादा करीब होंगे। #PunjabNationalBank यहां #OrientalBankofCommerce & #UnitedBankofIndia के साथ नए अवतार में है।
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?
- ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है।
- जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे।
- SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
- नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।
- जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।
- कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।
- मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा।