ड्रोन नहीं, अब जंग में उतरेंगे 'कमांडो कॉकरोच', रूस की बढ़ी चिंता!

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 05:41 AM

now commando cockroach will enter the war

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब एक नए तकनीकी मोड़ पर पहुंच गया है। जहां पहले रूस अपने हवाई हमलों से यूक्रेन को तबाह करने की कोशिश कर रहा था, वहीं अब यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी जवाबी रणनीति में टेक्नोलॉजी का जबरदस्त इस्तेमाल कर रहे हैं।...

बर्लिन/कीव: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब एक नए तकनीकी मोड़ पर पहुंच गया है। जहां पहले रूस अपने हवाई हमलों से यूक्रेन को तबाह करने की कोशिश कर रहा था, वहीं अब यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी जवाबी रणनीति में टेक्नोलॉजी का जबरदस्त इस्तेमाल कर रहे हैं। जर्मनी अब ऐसे 'कमांडो कॉकरोच' विकसित कर रहा है, जो जासूसी के काम में इस्तेमाल होंगे। ये कोई मज़ाक नहीं, बल्कि भविष्य की हाईटेक जंग की तैयारी है।

क्या है कमांडो कॉकरोच?

यह परियोजना म्यूनिख स्थित स्टार्टअप "Swarm Biotics" द्वारा चलाई जा रही है, जो "Helsing" नामक यूरोप की अग्रणी डिफेंस AI कंपनी की सहयोगी इकाई है। Swarm Biotics ऐसे साइबॉर्ग कॉकरोच बना रही है, जिनके शरीर पर एक मिनी जासूसी डिवाइस वाला बैकपैक लगाया गया है। इसमें शामिल हैं:

ये कॉकरोच दूर से रिमोटली कंट्रोल किए जा सकते हैं और उन्हें किसी भी दुश्मन की सीमा में चुपचाप भेजा जा सकता है। एकल या झुंड में भेजे गए ये जीव जासूसी, निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

इन बायो-रोबोट्स को विशेष रूप से क्लोज-क्वार्टर सिचुएशंस में प्रयोग किया जाएगा — जैसे कि इमारतों के अंदर, बंकरों में, या दुश्मन की सीमा के आसपास की टोह लेने के लिए। ये जीव किसी भी छोटे सुराख से अंदर घुसकर दुश्मन की आवाजाही, हथियारों की स्थिति और वातावरण का डेटा भेज सकते हैं — वो भी बिना किसी खतरे में पड़े।

जर्मनी का बदला रक्षा विजन

जर्मन रक्षा नीति अब पूरी तरह से नए युग में प्रवेश कर चुकी है। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद जर्मनी ने अपनी सुरक्षा रणनीति में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं:

  • रक्षा बजट को तीन गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव

  • नवाचार पर जोर: सरकार अब बड़े रक्षा ठेकेदारों के बजाय स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दे रही है

  • ब्यूरोक्रेसी में कटौती: रक्षा सौदों और तकनीक परीक्षणों को तेज करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है

  • AI और रोबोटिक्स पर फोकस: डिफेंस सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स और ड्रोन तकनीक को अधिक फंडिंग दी जा रही है

जर्मनी-यूक्रेन रक्षा सहयोग

जर्मनी, अमेरिका के बाद यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सहयोगी बनकर उभरा है। न सिर्फ हथियारों की आपूर्ति में, बल्कि टेक्नोलॉजी और रणनीति निर्माण में भी जर्मनी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। Helsing, ARX Robotics जैसी कंपनियां न सिर्फ तकनीक विकसित कर रही हैं बल्कि जर्मन सेना (Bundeswehr) और यूक्रेनी बलों को परामर्श भी दे रही हैं।

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