EPF Rule Changes: अब एक बार में निकाल सकेंगे EPF का पूरा पैसा, सरकार लाने जा रही यह नया नियम

Edited By Updated: 17 Jul, 2025 09:23 AM

big change possible in epf rules

केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के नियमों में एक ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी में है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो अब EPF खाताधारक हर 10 साल में अपनी जमा रकम का बड़ा हिस्सा या पूरी राशि निकाल सकेंगे। इसका मतलब है कि अब रिटायरमेंट तक इंतजार...

नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के नियमों में एक ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी में है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो अब EPF खाताधारक हर 10 साल में अपनी जमा रकम का बड़ा हिस्सा या पूरी राशि निकाल सकेंगे। इसका मतलब है कि अब रिटायरमेंट तक इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खबर के मुताबिक सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है जिससे नौकरीपेशा लोगों को अपनी मेहनत की कमाई को अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने की आजादी मिल सकेगी।

 

अभी क्या हैं EPF निकासी के नियम?

फिलहाल, EPF से पूरी रकम निकालने के लिए दो ही मुख्य रास्ते हैं:

इसके अलावा कुछ खास जरूरतों जैसे घर खरीदना, इलाज, शादी या बच्चों की पढ़ाई के लिए ही आंशिक निकासी की इजाजत है लेकिन नए प्रस्ताव से यह सख्ती खत्म हो सकती है जिससे कर्मचारियों को अधिक लचीलापन मिलेगा।

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युवाओं को मिलेगी बड़ी राहत

अगर यह नियम लागू होता है तो 30 या 40 की उम्र में भी लोग अपनी EPF रकम निकाल सकेंगे। हालांकि एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार शायद पूरी राशि की जगह 60% तक निकासी की सीमा तय कर सकती है। यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। इसका सीधा मतलब यह होगा कि युवा कर्मचारी अपनी ज़रूरतों जैसे घर खरीदने या बिजनेस शुरू करने के लिए इस फंड का इस्तेमाल कर सकेंगे जो उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।

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सरकार की मंशा: पैसे का आसान इस्तेमाल

 

सरकारी अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ समय से EPF नियमों में ढील देने का मुख्य मकसद यही है कि खाताधारकों को अपने पैसे का इस्तेमाल आसानी से करने की छूट मिले। हर 10 साल में निकासी का यह नया प्रस्ताव भी इसी सोच का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई को अपनी जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल कर सकें जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़े।

 

एक्सपर्ट्स की मिली-जुली राय: फायदा या नुकसान?

इस बदलाव को लेकर एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है।

  • कुछ एक्सपर्ट उत्साहित नहीं हैं। उनका कहना है कि EPF का असली मकसद रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित फंड तैयार करना है। बार-बार निकासी की छूट से लोग भविष्य की बचत को कम कर सकते हैं। Saraf and Partners के पार्टनर अक्षय जैन कहते हैं, "ऐसे नियमों को बहुत सोच-समझकर बनाना होगा, ताकि छोटी-मोटी जरूरतें रिटायरमेंट की सुरक्षा पर भारी न पड़ें।"

  • वहीं King Stubb & Kasiva के पार्टनर रोहिताश्व सिन्हा का मानना है कि इससे रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में पैसा बढ़ेगा जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा लेकिन वो ये भी मानते हैं कि बार-बार निकासी से रिटायरमेंट के लिए बचत कम हो सकती है।

 

IT सिस्टम में आ सकती है चुनौती

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि EPFO को अपने IT सिस्टम को और मजबूत करना होगा। मौजूदा सिस्टम इतने सारे निकासी अनुरोधों को संभालने के लिए तैयार नहीं है। अगर सिस्टम में गड़बड़ी हुई तो धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ सकता है जो खाताधारकों के लिए चिंता का विषय होगा।

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हाल ही में हुए अन्य बदलाव

EPFO ने हाल ही में कुछ और ढील दी है:

  • जुलाई 2025 से खाताधारक अपनी EPF रकम का 90% तक घर बनाने या जमीन खरीदने के लिए निकाल सकेंगे। पहले इसके लिए 5 साल तक योगदान जरूरी था जिसे अब घटाकर 3 साल कर दिया गया है।

  • इसके अलावा ऑटो-सेटलमेंट की सीमा भी ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। इससे आपात स्थिति में फंड जल्दी मिल सकेगा।

EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि भारत की सबसे बड़ी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों अपने वेतन का एक हिस्सा जमा करते हैं जिस पर ब्याज भी मिलता है। इसका मकसद रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देना है। अगर ये नया नियम लागू होता है तो ये EPF के इतिहास का सबसे बड़ा बदलाव होगा।

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