AC का तापमान 24 डिग्री से कम न करने की तैयारी में सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jun, 2018 12:21 PM

power ministry may make 24 degree as default setting acs

बिजली मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बिजनेस डेस्कः बिजली मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने एयर कंडीशन (एसी) के क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने का अभियान शुरू करते हुए कहा, ‘‘एयर कंडीशनर में तापामान ऊंचा करने से बिजली खपत में 6 प्रतिशत की कमी आती है।’’  

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होटल और ऑफि‍स में 18 से 21 डि‍ग्री रहता है तापमान 
एयर कंडीशनर बनाने वाली प्रमुख कंपनियों एवं उनके संगठनों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘शरीर का सामान्य तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस है लेकिन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, होटल तथा दफ्तरों में तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है। यह न केवल तकलीफदेह है बल्कि वास्तव में अस्वस्थ्यकर भी है। इस तापमान में लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं या कंबल का उपयोग करना होता है। यह वास्तव में ऊर्जा की बर्बादी है। इसको देखते हुए जापान जैसे कुछ देशों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रखने के लिए नियमन बनाए गए हैं।’’

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ऐसे में ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने एक अध्ययन किया और इसके बाद यह सि‍फरि‍श की गई है कि‍ एसी के तापमान को 24 डि‍ग्री सेल्‍सि‍यस पर डि‍फॉल्‍ट सेट कर दि‍या जाए। इससे बि‍जली की बड़े पैमाने पर बचत होगी। इस दिशा में शुरूआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया जाएगा।

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साल में बचेगी 20 अरब यूनि‍ट बि‍जली 
बयान के अनुसार, ‘‘4 से 6 महीने के जागरूकता अभियान के बाद लोगों की राय जानने के लिए सर्वे किया जाएगा। उसके बाद मंत्रालय इसे अनिवार्य करने पर विचार करेगा। अगर सभी ग्राहक इसे अपनाते हैं तो एक साल में ही 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी।’’ बीईई का कहना है कि मौजूदा बाजार स्थिति को देखते हुए एसी के कारण देश में कुल लोड 2030 तक 200,000 मेगावाट हो जाएगी। इसमें आगे और वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि अभी देश में केवल 6 प्रतिशत घरों में एसी का उपयोग हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार अभी लगे एसी की क्षमता 8 करोड़ टीआर (टन आफ रेफ्रिजरेटर) है जो बढ़कर 2030 तक 25 करोड़ टीआर हो जाएगी। 

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