संरक्षणवाद, आटोमेशन से विश्व अर्थव्यवस्था को खतरा नहीं: पनगढ़िया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 04:33 PM

protectionism  automation does not threaten world economy

भारत के शीर्ष अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि विश्व निर्यात बाजार करीब 22,000 अ...

नई दिल्लीः भारत के शीर्ष अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि विश्व निर्यात बाजार करीब 22,000 अरब डॉलर का है और यह इतना बड़ा है कि शायद ही संरक्षणवाद का इस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए 65 साल के पनगढ़िया ने इस बात को भी महत्व नहीं दिया कि ‘आटोमेशन’ से लोगों की नौकरी जाएगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद से हाल में ही इस्तीफा देने वाले पनगढ़िया कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और जगदीश भगवती प्रोफेसर आफ इंडियन पालिटिकल एकोनामी के रूप में अमेरिका वापस लौट गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आटोमेशन को लेकर मेरी अपनी व्यक्तिगत राय यह है कि हम प्राय: बढ़ा-चढ़ाकर चीजों को रखते हैं। हम यह तो देखते हैं कि आटोमेशन से कौन से नौकरियां खत्म हुई लेकिन हम यह नहीं देख सकते हैं कि वास्तव में आटोमेशन से किस प्रकार की नौकरियां सृजित होंगी।’’ पनगढ़िया ने जोर देकर कहा कि इतिहास में   कभी यह नहीं देखा गया कि प्रौद्योगिकी की प्रगति से रोजगार में कटौती हुई हो। उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी को अधिक व्यस्त बनाता है और औद्योगिक देशों में जहां आटोमेशन हैं लोग ज्यादा व्यस्त हैं।’’

संरक्षणवाद के मुद्दे से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी अपनी राय है कि वैश्विक बाजार काफी बड़ा है। पनगढ़िया ने कहा कि उदाहरण के लिए वस्तु निर्यात बाजार 17,000 अरब डॉलर का है। सेवा निर्यात 5,000 से 6,000 डॉलर है। इस तरह कुल 22,000 अरब डॉलर का निर्यात बाजार है। उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा है कि शायद ही संरक्षणवाद का इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और अगर यह होता भी है तो देश व्यक्तिगत रूप से व्यापार बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इसका एक अच्छा उदाहरण है। 

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