Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jun, 2018 12:46 PM
भारतीय रिजर्व बैंक ने अधिक विदेशी निवेश आर्किषत करने के उद्देश्य से ऋणपत्र या बांड, विशेषकर बड़ी निजी कंपनियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए निवेश नियम आसान कर दिया है।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने अधिक विदेशी निवेश आर्किषत करने के उद्देश्य से ऋणपत्र या बांड, विशेषकर बड़ी निजी कंपनियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए निवेश नियम आसान कर दिया है। इससे एक तरफ रुपए की गिरावट को थामने में मदद मिलेगी तथा कॉरपोरेट बांड की हालिया गिरावट से भी उबरने में मदद मिलेगी।
रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई के लिए निवेश की सीमा उस सरकारी प्रतिभूति के बचे शेयरों के 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी है। हालांकि एफपीआई के लिए कॉरपोरेट बांड में अल्पावधि के निवेश के लिए अधिकतम सीमा 20 प्रतिशत ही रखी गई है यानी यह एफपीआई के कॉरपोरेट बांडों में कुल निवेश का 20 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।