Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Aug, 2019 02:10 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि पंजीकृत एनबीएफसी (म्यूचुअल फंड को छोड़कर) कंपनियां की ओर से कृषि, सूक्ष्म एवं छोटे उद्यम और आवास क्षेत्र को निर्धारित दायरे में दिए गए कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के कर्ज के रूप में माना जाएगा।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि पंजीकृत एनबीएफसी (म्यूचुअल फंड को छोड़कर) कंपनियां की ओर से कृषि, सूक्ष्म एवं छोटे उद्यम और आवास क्षेत्र को निर्धारित दायरे में दिए गए कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के कर्ज के रूप में माना जाएगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि इन क्षेत्रों के उधारदाताओं को कर्ज देने में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
संशोधित नियमों के मुताबिक, एनबीएफसी कंपनियां की कृषि क्षेत्र के लिए सीमा 10 लाख रुपए प्रति कर्जदार होगी। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के मामले में यह सीमा 20 लाख रुपए होगी। आवास क्षेत्र के लिए सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए किया गया है। इस कर्ज को प्राथमिकता वाला कर्ज माना जाएगा।