कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मोदी सरकार को मिलेगी राहत

Edited By Pardeep,Updated: 16 Nov, 2018 01:04 AM

relief to modi government by falling prices of crude oil

तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मोदी सरकार को बड़ी राहत दे सकती है। गत दिवस ये कीमतें 40 दिनों के सबसे निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर रहीं। बता दें कि 3 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल...

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मोदी सरकार को बड़ी राहत दे सकती है। गत दिवस ये कीमतें 40 दिनों के सबसे निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर रहीं। बता दें कि 3 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थी। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद माना जा रहा है कि इससे भारत सरकार को कई तरह के दबावों से मुक्ति मिलेगी। 

अमरीका द्वारा ईरान पर लगाए गए हालिया प्रतिबंधों के बाद इसका प्रभाव तेल की कीमतों पर पडऩे की आशंकाएं जताई जा रही थीं। हालांकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत सहित 8 देशों को इन प्रतिबंधों से अस्थायी छूट दे दी। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। भारत के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत का संकेत मानी जा रही है। 

गौरतलब है कि भारत सरकार पैट्रोल-डीजल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोर स्थिति को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार दबाव में चल रही है। ऐसे में कच्चे तेल की कम कीमतों से भारत का तेल आयात बिल कम होगा। इससे साथ ही भारत का करंट अकाऊंट डैफिसिट (कैड) भी कम होगा। 

अक्तूबर में ईंधन मांग 4 प्रतिशत बढ़ी
कीमतें कम होने के बाद पैट्रोल एवं डीजल का उपभोग बढऩे से अक्तूबर महीने में देश में पैट्रोलियम ईंधन की मांग में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पैट्रोलियम मंत्रालय के पैट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण सैल के आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्तूबर महीने में देश की ईंधन खपत 179.90 लाख टन रही जो पिछले साल अक्तूबर में 173 लाख टन थी। जब अगस्त महीने में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव बढऩे और रुपए के कमजोर होने से ईंधन की कीमतें नरम पड़ रही थीं तब ईंधन मांग 0.3 प्रतिशत गिरकर 165 लाख टन पर आ गई थी। इसके बाद सितम्बर में भी जब कीमतें बढ़ रही थीं तब खपत एक प्रतिशत बढ़कर 165.10 लाख टन रही थी। जुलाई महीने में ईंधन मांग 6.30 प्रतिशत बढ़कर 169.90 लाख टन रही थी। 

पैट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट
घरेलू बाजार में एक दिन की स्थिरता के बाद देश के 4 बड़े महानगरों में पैट्रोल के दाम 14 से 16 पैसे और डीजल की कीमत 9 से 11 पैसे कम हुई। इंडियन ऑयल के अनुसार दिल्ली में पैट्रोल का दाम 15 पैसे घटकर 77.28 रुपए प्रति लीटर रह गया। डीजल का दाम 10 पैसे घटकर 72.09 रुपए प्रति लीटर रहा। वाणिज्यिक नगरी मुम्बई में पैट्रोल 14 पैसे घटकर 82.80 रुपए और डीजल 11 पैसे गिरकर 75.53 रुपए प्रति लीटर रह गया। कोलकाता और चेन्नई में पैट्रोल के दाम क्रमश: 80.26 रुपए और 79.21 रुपए प्रति लीटर रहे। डीजल की कीमत क्रमश: 76.19 और 73.95 रुपए रही।

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