सरकार को कर संग्रह के मोर्चे पर राहत, ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 16.5 फीसदी बढ़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2023 12:57 PM

relief to the government on tax collection front gross tax revenue

चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में दबाव का सामना करने के बाद केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच सरकार का सकल कर राजस्व 16.5 फीसदी बढ़कर 11.8 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सकल कर...

नई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में दबाव का सामना करने के बाद केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच सरकार का सकल कर राजस्व 16.5 फीसदी बढ़कर 11.8 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सकल कर राजस्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर दोनों शामिल हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शुद्ध कर प्राप्तियां 14.8 फीसदी बढ़कर 8.004 लाख करोड़ रुपए रही। यह आंकड़ा पूरे वर्ष के लिए निर्धारित 23.3 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य का 34.5 फीसदी है।

अगस्त में सालाना आधार पर राजस्व में शानदार बढ़ोतरी हुई है जिसमें ऊंचे कर संग्रह, खास तौर पर प्रत्यक्ष कर का अहम योगदान रहा है। इसके साथ ही राज्यों को कर में कम हिस्सा दिए जाने से भी खासा असर हुआ है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक सकल राजस्व मात्र 2.8 फीसदी बढ़ा था जबकि शुद्ध कर राजस्व में 12.6 फीसदी की कमी आई थी।

केंद्र सरकार की कुल कर प्राप्तियां 21 फीसदी बढ़कर 10.29 लाख करोड़ रुपए हो गईं। अप्रैल-अगस्त 2022 की तुलना में कॉर्पोरेट कर में 15 फीसदी और आयकर संग्रह में 36 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कॉर्पोरेट कर 2.3 लाख करोड रुपए रहा। वास्तव में अगस्त में दर्ज मासिक संग्रह 62,817 करोड रुपए रहा जो चालू वित्त वर्ष में इस लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा महीना रहा। इसी अवधि के दौरान व्यक्तिगत आयकर संग्रह 3.6 लाख करोड़ रुपए रहा। अप्रैल से अगस्त के दौरान सरकार का पूंजीगत व्यय 48 फीसदी बढ़कर 3.74 लाख करोड़ रुपए रहा जिससे कुल व्यय 20 फीसदी बढ़कर 16.71 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।

कुल मिलाकर 12.17 लाख करोड़ रुपए राजस्व खाते और 3.73 लाख करोड़ रुपए पूंजीगत खातों से खर्च हुए हैं। कुल राजस्व में 3.67 लाख करोड़ रुपए ब्याज भुगतान के मद में और 1.80 लाख करोड रुपए सब्सिडी के मध्य में गए हैं। राजस्व बढ़ने से सरकार को काफी राहत मिली है और यह भरोसा भी जगा है कि वह चालू वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का 5.9 फीसदी का लक्ष्य पूरा कर लेगी। अप्रैल-अगस्त की अवधि में सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 6.43 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पूरे वर्ष के लिए तय 17.87 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य का 36 फीसदी है।

मौजूदा आंकड़ों पर इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार को राजकोषीय मोर्चे पर फिलहाल चिंता अधिक नहीं दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि कम से कम अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 की अवधि में बाजार से उधार लेने के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं दिखा है।
 

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