Edited By Supreet Kaur,Updated: 26 Nov, 2019 03:20 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने मंगलवार को छोटे कारोबारियों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई मुद्रा ऋण योजना में कर्ज वसूली की बढ़ती समस्या को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बैंकों से कहा कि वह इस योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज पर...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने मंगलवार को छोटे कारोबारियों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई मुद्रा ऋण योजना में कर्ज वसूली की बढ़ती समस्या को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बैंकों से कहा कि वह इस योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज पर करीबी नजर रखें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में मुद्रा कर्ज योजना की शुरुआत की थी। यह योजना सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को जरूरी वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये शुरू की गई है। जैन ने यहां भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सूक्ष्म वित्त पर आयाजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘मुद्रा योजना पर हमारी नजर में है। इस योजना से जहां एक तरफ देश के कई लाभार्थियों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में बड़ी मदद की हो वहीं इसमें कई कर्जदारों के बीच गैर-निष्पादित राशि के बढ़ते स्तर को लेकर कुछ चिंता भी है।''
उन्होंने बैंकों को सुझाव दिया है कि वह इस तरह के कर्ज देते समय दस्तावेजों की जांच-परख के स्तर पर कर्ज किस्त के भुगतान की क्षमता पर भी गौर करें और इस तरह के कर्ज का उनकी पूरी अवधि तक करीब से निगरानी करें।