Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2025 02:38 PM

जेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने चेतावनी दी है कि अगर जेन स्ट्रीट जैसी प्रोपराइटरी ट्रेडिंग फर्म बाजार में अपनी भागीदारी कम करती हैं, तो खुदरा व्यापार गतिविधि प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि ये फर्म विकल्प कारोबार में मात्रा के लिहाज से...
नई दिल्लीः जेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने चेतावनी दी है कि अगर जेन स्ट्रीट जैसी प्रोपराइटरी ट्रेडिंग फर्म बाजार में अपनी भागीदारी कम करती हैं, तो खुदरा व्यापार गतिविधि प्रभावित हो सकती है। गौरतलब है कि ये फर्म विकल्प कारोबार में मात्रा के लिहाज से लगभग 50 प्रतिशत का योगदान देती हैं। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम का शेयर बाजारों और ब्रोकरों, दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कामथ ने एक्स पर कहा, ''जेन स्ट्रीट जैसी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म का ऑप्शन कारोबार में मात्रा के लिहाज से लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा हैं। अगर वे पीछे हटती हैं, जो संभावित लगता है, तो खुदरा गतिविधि (करीब 35 प्रतिशत) भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए यह बाजारों और ब्रोकरों दोनों के लिए बुरी खबर हो सकती है।''
उन्होंने कहा, ''अगले कुछ दिन बता देंगे। एफएंडओ कारोबार की मात्रा यह बता सकती हैं कि हम इन प्रॉप दिग्गजों पर कितने निर्भर हैं।'' बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार की सुबह जारी एक आदेश में न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड जेन स्ट्रीट (जेएस) को नकदी और वायदा एवं विकल्प बाजारों में दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया। सेबी ने इस हेज फंड को बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया है और 4,843 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ जब्त कर लिया है। जांच में पाया गया है कि जनवरी 2023 से मई 2025 के दौरान जेएस ने शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। कामथ ने कहा कि अगर जेन स्ट्रीट के खिलाफ आरोप सही हैं, तो यह बाजार में खुलेआम हेरफेर है और शेयर बाजारों की चेतावनियों के बावजूद यह जारी रहा।