खुदरा व्यापारियों ने फ्लिपकार्ट, अमेजन पर FDI नीति के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की मांग की

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Dec, 2019 04:36 PM

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खुदरा व्यापारियों के मंच कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट को ''आर्थिक आतंकवादी करार दिया है और सरकार से मांग की है उनके खिलाफ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई नीति) के प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर तत्काल कार्रवाई की...

नई दिल्लीः खुदरा व्यापारियों के मंच कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट को 'आर्थिक आतंकवादी करार दिया है और सरकार से मांग की है उनके खिलाफ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई नीति) के प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर तत्काल कार्रवाई की जाए। 

कैट ने रविवार को एक बयान में आरोप लगाया है कि ई-कामर्स कंपनियां अपनी कंपनी के मूल्यांकन को बढ़ाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही हैं चाहे इसके लिए उन्हें बड़ा नुकसान ही उठाना पड़े। वे भारत में छोटे खुदरा विक्रेताओं को कुचलना चाहती है। ये वास्तव में "आर्थिक आतंकवादी" हैं और भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य की राह में एक बड़ा रोड़ा हैं। शनिवार को वाणिज्य गोयल ने मुंबई में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा एफडीआई नीति के अक्षरश अवश्य पालन करने की चेतावनी दी थी। कैट ने गोयल से आग्रह किया कि वे अपने बयान के अनुसार अमेजन एवं फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई कंपनियों के खिलाफ ठोस कदम उठाएं। 

कैट का कहना है कि कई ब्रांड की कंपनियां अपने अनेक उत्पाद कम कीमतों पर केवल ई कॉमर्स कंपनियों को ही दे रही हैं जिसके चलते ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों को माल डिस्काउंट और लागत से भी कम मूल्य पर उपलब्ध पा रही है। कैट के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बयान में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि दोनों कंपनियों को निर्देशित किया जाए की या तो वो बिना देरी किए एफडीआई नीति का तुरंत पालन करे या फिर दोनों कंपनियां भारत से व्यापार समेटें।

बयान में कहा गया है कि बैंक अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा ई-कॉमर्स पोर्टलों से सामानों की खरीद पर कैश बैक, प्रोत्साहन स्कीम और विभिन्न तरह के अन्य प्रोत्साहन दे रहे हैं। कैट का कहना है कि ब्रांड और बैंकों द्वारा इस तरह की सभी सुविधाएं भारतीय रिजर्व बैंक एवं प्रतिस्पर्धा कानून और नीति के प्रावधानों के खिलाफ हैं। इसके विपरीत फ्लिपकार्ट का कहना है कि भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रौद्योगिकी तथा नवप्रवर्तन पर आधारित डिजिटल वाणिज्य जरूरी है। 

कंपनी ने कहा है कि ई-कामर्स मंच छोटी मझोली इकाइयों, किराना वालों और किसानों को काम में आगे बढने में सहायक हो रहे हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने कहा, "पिछले पांच साल में हमने रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा किए हैं तथा बाजार के बुनियादी ढांचे पर बड़ा निवेश किया है। इस दौरान हमारी प्रौद्योगिकी टीम और इंजीनियरों ने कई नयी चीजें और तरीके इजाद किए हैं।" 
 

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