Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2023 06:28 PM
सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बैंको द्वारा बैड लोन को माफ किए जाने को लेकर सवाल पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 2.09 लाख करोड़ रुपए के बैड लोन को राइट ऑफ किया है। इस आंकड़े के बाद...
बिजनेस डेस्कः सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बैंको द्वारा बैड लोन को माफ किए जाने को लेकर सवाल पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 2.09 लाख करोड़ रुपए के बैड लोन को राइट ऑफ किया है। इस आंकड़े के बाद पिछले पांच सालों में बैंकों ने 10.57 लाख करोड़ रुपए के बैड लोन को राइट ऑफ किया है। बैंकों द्वारा इस बड़ी राशि को राइट ऑफ किए जाने के बाद उनका एनपीए काफी अधिक बढ़ गगया है।
बैंकों का ग्रॉस एनपीए 10.21 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। वित्त वर्ष 2018 में यह 5.55 लाख करोड़ रुफए था। बैंकों ने वित्त वर्ष 2012-13 के बाद अबतक 15.13 लाख करोड़ रुपए का लोन राइट ऑफ किया है।
गौर करने वाली बात है कि बैंकों ने जिन लोन को राइट ऑफ किया है वो बैंक की बुक में दर्ज रहते हैं, इन्हें अनरिकवर्ड लोन के तौर पर दर्ज किया जाता है। आरबीआई ने आरटीआई के जवाब में कहा कि बैंकों ने पिछले तीन साल में सिर्फ 109186 करोड़ रुपए ही रिकवर किए हैं, जबकि 586891 करोड़ रुपए राइट ऑफ किए हैं। यानि बैंक सिर्फ राइट ऑफ की तुलना में सिर्फ 18.60 फीसदी लोन ही रिकवर कर पाए हैं।
आरबीआई की ओर से कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023 में मार्च तक कुल राइट ऑफ लोन 209144 करोड़ का है, जोकि 2022 में 174966 करोड़ था। बैंक एनपीए को कम करने के लिए लोन को राइट ऑफ कर रहे हैं। लेकिन बैंक बहुत कम मात्रा में इन बैड लोन को रिकवर कर पाए हैं। वित्त वर्ष 2021 में 30104 करोड़, वित्त वर्ष 2022 में 33534 करोड़ और 2023 में 45548 करोड़ रुपए ही रिकवर कर पाए हैं।