Edited By Isha,Updated: 08 Jul, 2018 01:01 PM
वैश्विक स्तर पर उतार चढ़ाव के बीच घरेलू स्तर पर जून में दिसंबर 2017 के बाद पहली बार विनिर्माण गतिविधियों में तेजी दर्ज किये जाने के साथ ही सरकार के प्रमुख कृषि फसलों के न्यूनतम
मुंबईः वैश्विक स्तर पर उतार चढ़ाव के बीच घरेलू स्तर पर जून में दिसंबर 2017 के बाद पहली बार विनिर्माण गतिविधियों में तेजी दर्ज किये जाने के साथ ही सरकार के प्रमुख कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने के निर्णय से रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुओं, वाहन और अन्य उपभोक्ता उत्पादों की मांग बढऩे की उम्मीद में हुई लिवाली के बल पर बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार बढ़त बनाने में सफल रहे।
अगले सप्ताह भी बाजार में तेजी रहने की संभावना जतायी गयी है क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी का असर अब बाजार पर दिखने लगा है जिससे उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र की कंपनियों में लिवाली की उम्मीद की जा रही है हालांकि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ युद्ध का दबाव बाजार पर दिखने की आशंका जतायी गयी है। इस बीच कच्चे तेल की कीमतों में एकबार फिर से तेजी आने का असर भी बाजार हो सकता है।
अगले सप्ताह गुरूवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े आने वाले और इसका भी असर बाजार पर दिख सकता है। समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 234.38 अंक अर्थात 0.66 फीसदी बढ़कर 35657.86 अंक पर रहा। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 58.35 अंक अर्थात 0.54 अंक चढ़कर 10772.65 अंक पर रहा। दिग्गज कंपनियों और छोटी कंपनियों में जहां लिवाली देखी गयी वहीं मझौली कंपनियों में बिकवाली का दबाव दिखा जिससे बीएसई का मिडकैप 59.28 अंक अर्थात 0.38 अंक गिरकर 15391.62 अंक पर रहा।