नीरव और चोकसी के भागने के बाद सिल्वर ज्वैलरी निर्यात में भारी गिरावट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2019 01:17 PM

silver jewelery export drops after a run of nirav and choksi

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भारत से भागने के बाद सिल्वर ज्वैलरी के निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ा है। देश के सिल्वर ज्वैलरी निर्यात में बड़ी गिरावट हुई है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत से सिल्वर ज्वैलरी

बिजनेस डेस्कः नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भारत से भागने के बाद सिल्वर ज्वैलरी के निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ा है। देश के सिल्वर ज्वैलरी निर्यात में बड़ी गिरावट हुई है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत से सिल्वर ज्वैलरी के निर्यात में 75 फीसदी तक की भारी गिरावट आई है।

पिछले साल पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के कथित 14,000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी केस में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और चोकसी पिछले साल की शुरुआत में देश से भाग गए थे। लेकिन इसका असर पिछले वित्त वर्ष में देखा गया जब भारत में इनका कारोबार अचानक बंद हो गया। परिणामस्वरूप, पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान सिल्वर एक्सपोर्ट 2017-18 में हुए 3.4 बिलियन डॉलर की तुलना में 838 मिलियन डॉलर का रह गया। ये आंकड़े जेम्स ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) द्वारा दिखाए गए डेटा में उपलब्ध है। व्यापारिक संस्था के 

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वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कथित पीएनबी घोटाले के सामने आने से मामा-भांजे के देश छोड़कर जाने के बाद ही सिल्वर जूलरी एक्सपोर्ट में यह गिरावट देखी गई। आरोप हैं कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने जो निर्यात दिखाए, वे सिर्फ कागजों तक ही सीमित थे क्योंकि इनके लिए देश में किसी अन्य कंपनियों का इस्तेमाल नहीं हुआ था। 

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सूरत SEZ में दिखा एक्सपोर्ट पर सबसे ज्यादा असर 
सरकारी अधिकारियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एक्सपोर्ट पर सबसे ज्यादा असर सूरत के स्पेसल इकनॉमिक ज़ोन पर हुआ। हालांकि, अभी इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। ऐसे आरोप हैं कि कागजों पर ही भगौड़े मोदी और चोकसी ने एक्सपोर्ट्स पर कब्जा कर रखा था क्योंकि देश में दूसरे बिजनस में इस तरह का बदलाव नहीं देखा गया है। 

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सिल्वर एक्सपोर्ट्स में 2.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट ही जेम्स ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट में 3 प्रतिशत की कमी का मुख्य कारण है। हालांकि, GJEPC के वाइस-प्रेजिडेंट कोलिन शाह ने इसकी वजह जीएसटी रिफंड में देरी और लिक्विडिटी समस्याओं को बताया। बता दें कि हमेशा से सिल्वर जूलरी सेक्टर का देश के एक्सपोर्ट्स कारोबार में अहम योगदान रहा है। पिछले साल गोल्ड पदकों और सिक्कों के एक्सपोर्ट में 55 प्रतइशत की गिरावट हुई थी। इसके लिए डीजीएफटी के उस फैसले को जिम्मेदार बताया गया था जिसमें 24-कैरट के सोने के सिक्कों और पदकों को एक्सपोर्टर्स द्वारा गलत इस्तेमाल करने की लगातार आ रही शिकायतों के बाद बैन कर दिया गया था। 

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