Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jun, 2018 06:42 PM
बैंक घोटाला मामले में भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को विशेष पीएमएलए कोर्ट ने 27 अगस्त को तलब किया है। कोर्ट ने भगोड़े अपराधी अध्यादेश के तहत माल्या को तलब किया है।
बिजनेस डेस्कः दिल्ली की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या को 27 अगस्त को पेश होने का नोटिस जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल 2018 के तहत कोर्ट में आवेदन दिया था जिस पर संज्ञान लेते हुए माल्या को समन जारी किया गया है। इस बिल के तहत माल्या की 12,500 करोड़ की संपत्ति जब्त की जानी है।
माल्या ने किया ट्वीट
शनिवार को माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी के 'प्ली बार्गेन' यानी सौदेबाजी के दावे को झूठा करार दिया है। माल्या ने ट्वीट करके कहा, 'मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक ईडी अधिकारी ने कहा कि मैं सौदेबाजी करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं उनसे सम्मानपूर्वक कहूंगा कि वे पहले ईडी की चार्जशीट को अच्छी तरह से पढ़ लें। इसके साथ ही मैं ईडी से कहना चाहूंगा कि यही बात उनके सामने भी कहें जिनसे मैंने सौदेबाजी की कोशिश की थी।'
इस मामले में माल्या ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसे बयान देने से पहले ऐसे अधिकारी को ईडी चार्जशीट को ठीक से पढ़ लेना चाहिए। दरअसल, ब्रिटेन और अमेरिका में कुछ रियायत के बदले आरोपी द्वारा ऐसी सौदेबाजी की जाती है। हालांकि भारत में ऐसी सौदेबाजी का चलन नहीं है।
माल्या ने सौदेबाजी करने की कोशिश
शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट में ईडी के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि बैंक फ्रॉड मामले में माल्या ने सौदेबाजी करने की कोशिश की थी। साथ ही यह प्रस्ताव दिया था कि अगर ईडी उसकी फ्रीज संपत्ति को लौटा दे, तो वो बैंक के बकाया का भुगतान कर देगा।
किंगफिशर लोन मामले में माल्या द्वारा अपनी खामोशी तोड़ने के बाद सौदेबाजी की रिपोर्ट सामने आई थी। इससे पहले माल्या ने मामले में सफाई पेश करते हुए दावा किया था कि पूरे मामले में वह बेगुनाह हैं। इसके बावजूद देश के नेताओं और मीडिया ने उन्हें कर्ज लेकर फरार कारोबारी घोषित कर दिया है।
माल्या ने दावा किया था कि मीडिया द्वारा चलाए गए ट्रायल के बाद कुछ बैंकों ने भी उन्हें विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने का फैसला किया है। खास बात यह है कि माल्या ने दावा किया था कि यह सफाई उनके द्वारा 15 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को लिखे गए पत्र के आधार पर है और उनके बयान में दोनों को लिखी गई चिट्ठी के अंश शामिल हैं।