चीनी उत्पादन पहुंच सकता है 3.15 से 3.2 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर परः इस्मा

Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 May, 2018 01:41 PM

sugar production can reach 3 15 to 3 2 million ton at record level

चीनी मिलों के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन सत्र के दौरान देश का चीनी उत्पादन 3.15 से 3.20 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर तक पहुंच सकता है। ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी...

नई दिल्लीः चीनी मिलों के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन सत्र के दौरान देश का चीनी उत्पादन 3.15 से 3.20 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर तक पहुंच सकता है। ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादन करने वाला देश है। विपणन वर्ष 2016-17 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 2.03 करोड़ टन रहा था।

इस्मा ने एक बयान में कहा, 30 अप्रैल 2018 तक चीनी मिलों ने चालू सत्र में तीन करोड़ 10 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है। 130 मिलें अभी भी काम कर रही हैं जिसमें अधिकांश उत्तर प्रदेश में हैं। इस लिहाज से चालू सत्र के दौरान चीनी उत्पादन 3.15 से 3.20 करोड़ टन के बीच पहुंच सकता है।’’ महाराष्ट्र मिलों ने चालू विपणन सत्र 2017-18 के अक्टूबर-अप्रैल के दौरान एक करोड़ 6 लाख टन चीनी उत्पादन किया है। प्रदेश की 187 चीनी मिलों में से केवल 15 ही परिचालन में हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन अप्रैल तक 1.12 करोड़ टन तक पहुंच गया जहां 119 चीनी मिलों में से 80 अपनी पेराई का काम जारी रखे हैं। इनमें से कुछ मिलें तेजी से काम बंद कर रही हैं , जबकि कुछ के मई 2018 के दूसरे सप्ताह तक पेराई जारी रखने की उम्मीद है। कर्नाटक में सभी चीनी मिलों ने परिचालन बंद कर दिया है और मौजूदा सत्र के दौरान 36.3 लाख टन चीनी उत्पादन किया है।

बिहार, पंजाब और हरियाणा में चीनी उत्पादन क्रमशः 7.1 लाख टन, आठ लाख टन और 7.2 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। जबकि बिहार में सभी चीनी मिलों ने पेराई का काम खत्म कर दिया है, पंजाब और हरियाणा में कुछ मिलों द्वारा पेराई का काम किया जा रहा हैं। चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से कीमतों में भारी गिरावट आई है और चीनी मिलों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीनी उद्योग वर्तमान में आठ से नौ रुपए प्रति किलो की हानि झेल रहा है क्योंकि चीनी मिलों की औसत उत्पादन लागत 35 रुपये प्रति किलो है जबकि चीनी की एक्स-मिल बिक्री 26-27 रुपए प्रति किलो पर हो रही है। चीनी उद्योग को संकट से निजात दिलाने के लिए , सरकार ने कल घोषणा की कि वह चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों को सीधे तौर पर 5.50 रुपए प्रति क्विंटल की सहायता देगी और इसके मुताबिक कुल मिलाकर 1,540 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।

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