सुप्रीम कोर्ट ने 3500 करोड़ चुकाने के बारे में पूछा तो शिविन्दर बोले, मैने संन्यास ले लिया है

Edited By Isha,Updated: 14 Mar, 2019 04:36 PM

supreme court ask singh brother to submit a plan to pay 3500 crore

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर मलविन्दर सिंह और शिविन्दर सिंह को यह बताने का निर्देश दिया कि वे सिंगापुर ट्रिब्यूनल के जापानी कंपनी दायची को 3500 करोड़ रुपये चुकाने के फैसले का किस तरह पालन करेंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई,...

 बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर मलविन्दर सिंह और शिविन्दर सिंह को यह बताने का निर्देश दिया कि वे सिंगापुर ट्रिब्यूनल के जापानी कंपनी दायची को 3500 करोड़ रुपये चुकाने के फैसले का किस तरह पालन करेंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कोर्ट में मौजूद सिंह बंधुओं से कहा कि वे अपने कानूनी और वित्तीय सलाहकारों से विचार विमर्श करके ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करने के बारे में दो सप्ताह में एक ठोस योजना पेश करें।

इस दौरान शिविंदर ने हलफनामा देकर कहा कि वे दुनिया से संन्यास ले चुके हैं।पीठ ने कहा, यह किसी व्यक्ति के सम्मान का मामला नहीं है लेकिन देश के सम्मान के लिए भी यह अच्छा नहीं लगता है। उम्मीद है कि यह अंतिम बार होगा जब आप कोर्ट में पेश हो रहे होंगे। शीर्ष अदालत जापान की फर्म दायची सैंक्यो की याचिका पर सुनवाई कर थी। याचिका में सिंह बंधुओं के खिलाफ अपने एक मामले में सिंगापुर ट्रिब्यूनल 3500 करोड़ रूपए वसूली कराने के फैसले के पालन करने का अनुरोध किया है। जापान की फर्म ने सिंह बंधुओं के खिलाफ कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की है और कहा है कि इन दोनों ने उसे फोर्टिस हेल्थकेयर से कुछ शेयर देने का वायदा किया था।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले फोर्टिस हेल्थकेयर को नियंत्रित करने वाला हिस्सा मलेशिया की कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर बर्हड को बेचने से संबंधित याचिका पर कोई अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 14 दिसंबर को फोर्टिस हेल्थकेयर को नियंत्रित करने वाला हिस्सा बेचने के मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। न्यायालय ने सिंह बंधुओं को नोटिस भी जारी करके पूछा था कि शेयर गिरवी रखकर शीर्ष अदालत के पहले के आदेश का कथित उल्लंघन करने के कारण उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

क्या है मामला
मालूम हो कि फोर्टिस हेल्थकेयर के बोर्ड ने जुलाई में आईएचएच हेल्थकेयर को कंपनी के 31.1 फीसदी का तरजीही आबंटन करके 4000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। दायची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीद लिया था। बाद में उसने सिंगापुर में लॉ ट्रिब्यूनल में मामला दायर कर आरोप लगाया कि सिंह बंधुओं ने कंपनी के शेयर बेचते समय इस तथ्य को छिपाया कि अमेरिका का खाद्य एवं औषधि प्रशासन और न्याय विभाग रैनबैक्सी की जांच कर रहा है। दायची ने अमेरिका के न्याय विभाग के साथ एक समझौता किया और दीवानी तथा आपराधिक दायित्वों को हल करने के लिये 50 करोड़ अमेरिकी डालर बतौर दंड भुगतान करने पर राजी हो गयी थी। कंपनी ने इसके बाद रैनबैक्सी में अपनी हिस्सेदारी 22,679 करोड़ रूपए में 2015 में सन फार्मास्यूटिकल्स को बेच दी थी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!