Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Jul, 2019 02:11 PM
सुप्रीम कोर्ट ने देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीलाइफ फाउंडेशन द्वारा एलआईसी पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने एलआ....
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीलाइफ फाउंडेशन द्वारा एलआईसी पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने एलआईसी के खिलाफ जीवन सरल पॉलिसी के लुभावने ऑफर जरिए बीमाधारकों को गुमराह और धोखाधड़ी करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया।
LIC पर लगाए यह आरोप
मनीलाइफ फाउंडेशन ने एलआईसी पर जीवन सरल पॉलिसी के लिए बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। मनीलाइफ फाउंडेशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में जीवन सरल पॉलिसी को तत्काल वापस लेने की गुहार की गई थी। याचिका में कहा गया था कि एलआईसी ने जीवन सरल बीमाधारकों को गुमराह किया है और उनके साथ धोखाधड़ी की है। याचिका में यह दावा किया गया कि बीमाधारकों ने 10 या उससे अधिक वर्ष के लिए जो प्रीमियम दिया है, उन्हें इसका आधा रिटर्न मिल रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि इस पॉलिसी को मनमाने तरीके से तैयार किया गया। गलत व गुमराह करने वाले प्रपोजल फार्म बेचे गए। इस बारे में बड़ी संख्या में शिकायतें भी की गई हैं।
पीठ ने किए सवाल
दायर याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता संगठन से सवाल किया कि आपने किस हैसियत से यह याचिका दायर की है। पीठ ने पूछा, आखिर पीड़ित पक्ष कहां हैं? इस पर याचिकाकर्ता संगठन मनीलाइफ फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि बीमाधारक संगठित नहीं हैं। वह व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर करने की स्थिति में नहीं हैं।