Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Oct, 2020 02:27 PM
टाटा ग्रुप का सारा जोर अब ई-कॉमर्स में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर है। देश की बड़ी ई-ग्रासर कंपनी बिगबास्केट अपनी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप को बेचने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो दोनों कंपनियों की बातचीत एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी है।
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप का सारा जोर अब ई-कॉमर्स में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर है। देश की बड़ी ई-ग्रासर कंपनी बिगबास्केट अपनी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप को बेचने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो दोनों कंपनियों की बातचीत एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी है। इस डील के मुताबिक टाटा ग्रुप बिगबास्केट के मौजूदा निवेशकों को 50 से 70 करोड़ डॉलर नकद भुगतान कर सकता है। बिग बास्केट के मौजूदा निवेशकों में चीन का अलीबाबा ग्रुप शामिल है। बिग बास्केट में अलीबाबा (Alibaba) की 26 फीसदी हिस्सेदारी है।
वहीं, बिगबास्केट के मौजूदा निवेशक टाटा ग्रुप को नियंत्रणकारी हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं हैं। निवेशक टाटा ग्रुप को बोर्ड में शामिल करने की वजाए चाहते है कि बिगबास्केट अगले साल आईपीओ लेकर आए। हालांकि टाटा ग्रुप के प्रवक्ता ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। यदि यह डील होती है तो टाटा ग्रुप भारत में ऑनलाइन ग्रोसरी बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज,वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट और अमेजन को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में होगा।
इस डील के जरिए टाटा ग्रुप भारत के तेजी से बढ़ रहे ई-कॉमर्स में अधिक से अधिक नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है। टाटा ग्रुप के साथ ही प्राइवेट इक्विटी फंड्स टेमासेक और जनरेशन इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट भी बिगबास्केट में निवेश करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सिंतबर में जारी हुई रेडसीर की रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट 2019 के 1.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 के अंत तक 3 अरब डॉलर होने का अनुमान है। बिगबास्केट की ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है।