टाटा के सेमीकंडक्टर संयंत्र सभी क्षेत्रों को करेंगे चिप सप्लाई, 72,000 रोजगार पैदा होंगे: चंद्रशेखरन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2024 05:08 PM

tata semiconductor plants will supply chips to all sectors

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर संयंत्र धीरे-धीरे चिप की आपूर्ति करके चरणबद्ध तरीके से सभी क्षेत्रों को सेवाएं देंगे और आने वाले वर्षों में लगभग 72,000 रोजगार पैदा करेंगे। चंद्रशेखरन ने गुजरात...

बिजनेस डेस्कः टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर संयंत्र धीरे-धीरे चिप की आपूर्ति करके चरणबद्ध तरीके से सभी क्षेत्रों को सेवाएं देंगे और आने वाले वर्षों में लगभग 72,000 रोजगार पैदा करेंगे। चंद्रशेखरन ने गुजरात के धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 91,000 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित चिप विनिर्माण संयंत्र और असम में 27,000 करोड़ रुपए की चिप असेंबली इकाई के शिलान्यास समारोह में कहा कि आगे चलकर इन परियोजनाओं का विस्तार भी होगा लेकिन शुरुआती मील के पत्थर पार करने के बाद ही ऐसा होगा। 

उन्होंने कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के संयंत्रों में निर्मित चिप वाहन, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता और चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेंगे। टाटा समूह के मुखिया चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘चिप की जरूरत वाले क्षेत्रों की एक पूरी श्रृंखला है लेकिन हम पहले ही दिन से सभी तरह के चिप का उत्पादन नहीं कर सकते। यह चरणबद्ध ढंग से होगा लेकिन हम सभी क्षेत्रों की सेवा करेंगे।'' उन्होंने कहा कि टाटा का चिप संयंत्र 28 नैनोमीटर (एनएम) से 110 नैनोमीटर नोड्स में चिप का उत्पादन करने में सक्षम है।

स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे उच्च-प्रौद्योगिकी उपकरणों के लिए मुख्य रूप से तीन एनएम, सात एनएम और 14 एनएम जैसे छोटे नोड्स वाले चिप की जरूरत होती है। चन्द्रशेखरन ने कहा कि इन संयंत्रों के लगने से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल शुरुआत है। आगे चलकर इसका विस्तार होगा। हम यहां 50,000 नौकरियां और असम के संयंत्र में 20,000-22,000 नौकरियां तलाश रहे हैं लेकिन इसमें समय लगेगा। जैसे-जैसे हम शुरुआती मील के पत्थर पार करेंगे, हम इसका विस्तार करेंगे।''

चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी चिप उत्पादन की समयसीमा में तेजी ला रही है। उन्होंने कहा, "आमतौर पर एक सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना में लगभग चार साल लगते हैं। हमारा लक्ष्य कैलेंडर वर्ष 2026 के उत्तरार्द्ध में चिप का उत्पादन शुरू करने का है। असम में यह काम पहले भी किया जा सकता है। हम असम में 2025 के अंत में भी व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर सकते हैं।"

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