Edited By ,Updated: 27 Nov, 2015 08:33 PM
दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। खाने -पीने की वस्तुओं के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं जिस कारण आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है।
जालंधर (रणजीत सिंह): दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। खाने -पीने की वस्तुओं के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं जिस कारण आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है। दालों के भाव तो पहले ही सातवें आसमान पर हैं और इसके बीच सब्जियों की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
आज हम आपको सब्जियों के नए और पुराने थोक और परचून बाजार की कीमतों से अवगत करवा रहे हैं। इनके इलावा आैर भी कई सब्जियों में काफी उतार-चढाव देखने को मिला है जैसे कि शिमला मिर्च का 2 महीने पहले का थोक भाव 30-32 रुपए प्रति किलोग्राम (कि.ग्रा.) था वह 12-15 रुपए प्रति किलो है, मूली का भाव पहले 18 -20 रुपए प्रति किलो था अब 3-4 रुपए प्रति कि.ग्रा. है और गाजर का भाव पहले 25-30 रुपए प्रति कि.ग्रा. था और अब यह 10 रुपए प्रति किलो है।
इसी प्रकार इन सब्जियों के परचून रेटों में भी काफी तबदीली आई है। शिमला मिर्च पहले 30 रुपए प्रति कि.ग्रा. थी और अब यह 25 रुपए, मूली का भाव पहले 25 रुपए प्रति कि.ग्रा. था और अब यह 10 रुपए प्रति कि.ग्रा. है, गाजर का भाव पहले 50 रुपए था और अब 20 रुपए प्रति कि.ग्रा. है।
इस विश्लेषण का हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि सिर्फ लहसुन और टमाटर को छोड़कर बाकी सभी सब्जियों की कीमतों में काफी कमी आई है और आने वाले दिनों में आम आदमी का बजट काफी हद तक सुधर सकता है।