रियल्टी कंपनियों के लिए GST की पुरानी दरों को चुनने की समय सीमा 20 मई तक बढ़ी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 May, 2019 02:24 PM

the deadline for choosing the old rates of gst for realty companies increased

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल ने रियल्टी कंपनियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ पुरानी जीएसटी दर का विकल्प चुनने की समयसीमा को 10 दिन बढ़ाकर 20 मई कर दिया है। ये कंपनियां मौजूदा जारी

नई दिल्लीः जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल ने रियल्टी कंपनियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ पुरानी जीएसटी दर का विकल्प चुनने की समयसीमा को 10 दिन बढ़ाकर 20 मई कर दिया है। ये कंपनियां मौजूदा जारी परियोजनाओं के लिए यह विकल्प चुन सकती हैं या फिर वो नई निचली कर दर व्यवस्था की ओर शिफ्ट हो सकती हैं।

जीएसटी काउंसिल जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली करते हैं और इसमें अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं ने मार्च महीने में रियल एस्टेट कंपनियों को इनपुट कर क्रेडिट का लाभ लिए आवासीय इकाइयों के लिए पांच फीसदी तथा सस्ते आवास खंड के लिए एक फीसदी की जीएसटी दर का विकल्प चुनने की अनुमति दी थी। कंपनियों को यह विकल्प एक अप्रैल, 2019 से चुनना था।

वहीं इसके साथ ही चालू परियोजनाओं के लिए बिल्डरों को इनपुट कर क्रेडिट के साथ 12 फीसदी जीएसटी स्लैब में बने रहने (सस्ते आवासीय खंड के लिए आठ फीसदी) का विकल्प या फिर बिना इनपुट कर क्रेडिट के लाभ के पांच फीसदी जीएसटी दर (सस्ते आवास खंड के लिए एक फीसदी) का विकल्प चुनने को कहा गया था। इसके साथ ही कंपनियों को अपने-अपने क्षेत्रों के संबधित अधिकारियों को इसकी जानकारी 10 मई को देनी थी।

जीएसटी काउंसिल ने एक ट्वीट में कहा, "आवासीय अचल संपत्ति परियोजना के लिए पुरानी जीएसटी दरों (आईटीसी के साथ 8 फीसदी या 12 फीसदी) या फिर नई जीएसटी दरों (बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 1 फीसदी या 5 फीसदी) के विकल्प का उपयोग करने की तारीख को 10 मई से बढ़ाकर 20 मई 2019 किया जा रहा है।"
 

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