Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Nov, 2023 01:45 PM
देश में 50 साल के सरकारी बॉन्ड की पहली नीलामी में शुक्रवार को जबरदस्त मांग देखी गई। इससे पता चलता है कि बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के बीच अल्ट्रा-लॉन्ग टर्म यानी काफी लंबी अवधि के बॉन्ड का आकर्षण बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बॉन्ड...
बिजनेस डेस्कः देश में 50 साल के सरकारी बॉन्ड की पहली नीलामी में शुक्रवार को जबरदस्त मांग देखी गई। इससे पता चलता है कि बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के बीच अल्ट्रा-लॉन्ग टर्म यानी काफी लंबी अवधि के बॉन्ड का आकर्षण बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बॉन्ड पर कट-ऑफ यील्ड 7.46 फीसदी निर्धारित की है, जो बाजार की अपेक्षाओं से बेहतर है।
बाजार में 50 साल के बॉन्ड से पहले सबसे लंबी मियाद का बॉन्ड 40 साल वाला था। 40-वर्षीय बॉन्ड आज 7.45 फीसदी यील्ड पर बंद हुआ। 50-वर्षीय बॉन्ड भी 10,000 करोड़ रुपए के बिक गए। सरकार अक्टूबर से मार्च के अपने उधारी कैलेंडर में 30,000 करोड़ रुपए के बॉन्ड बेचने की योजना बना रही है। 50-वर्षीय सरकारी बॉन्ड की मांग जीवन बीमा कंपनियों खासकर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से ज्यादा रही।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के उपाध्यक्ष नवीन सिंह ने कहा, ‘अधिकतर मांग बीमा एवं पेंशन फंडों से आई। बॉन्ड की मांग में तेजी फिलहाल बनी रहेगी क्योंकि बाजार ने इसे कुछ प्रीमियम दिया है।’ केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6.6 लाख करोड़ रुपए उधार लेने की योजना बनाई है। यह पूरे वित्त वर्ष के लिए कुल 15.43 लाख करोड़ रुपए की उधारी योजना का 42 फीसदी है।
कोटक लाइफ इंश्योरेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष चर्चिल भट्ट ने कहा, ‘बाजार को हमेशा भरोसा रहता है कि मांग अच्छी रहेगी। पहली नीलामी के नतीजे ने यह बात साबित भी की है। बॉन्ड की दमदार मांग थी। हम निश्चित तौर पर तो नहीं कह सकते लेकिन इतना तय है कि अधिकांश मांग बड़ी बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों से दिखी।’ बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने 10-वर्षीय बॉन्ड का स्टॉक बढ़ाया जबकि 5-वर्षीय बॉन्ड की अधिकांश मांग निजी क्षेत्र के बैंकों और म्युचुअल फंडों से दिखी।