Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 May, 2024 12:25 PM
डच हेल्थकेयर कंपनी फिलिप्स (Philips) का कहना है कि उसने भारत में अपने दोषपूर्ण स्लीप थेरेपी उपकरणों में सुधार पूरा कर लिया है। मौजूदा परीक्षणों के आधार पर उसका दावा है कि उनके निरंतर उपयोग से सेहत को कोई ज्यादा नुकसान हाने के आसार नहीं है।
नई दिल्लीः डच हेल्थकेयर कंपनी फिलिप्स (Philips) का कहना है कि उसने भारत में अपने दोषपूर्ण स्लीप थेरेपी उपकरणों में सुधार पूरा कर लिया है। मौजूदा परीक्षणों के आधार पर उसका दावा है कि उनके निरंतर उपयोग से सेहत को कोई ज्यादा नुकसान हाने के आसार नहीं है।
बाई-लेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (बाईपैप) मशीनों के कुछ मॉडलों में फोम के क्षरण की समस्या पाए जाने के बाद कंपनी को जांच का सामना करना पड़ा है। इस वजह से इसके उपयोगकर्ताओं को सांस लेने में दिक्कत और स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो गया था।
स्लीप एपनिया के इलाज के लिए बाईपैप और कंटिन्युअस पॉजिटिव एयरवेज प्रेशर (सीपैप) उपचार वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है। स्लीप एपनिया नींद का ऐसा गंभीर विकार है, जिसमें सांस बार-बार रुकता और चलता है।
फिलिप्स (Philips) ने जून 2021 में अपनी प्रतिक्रिया में सीपैप और बाईपैप उपकरणों के संबंध में फील्ड सेफ्टी नोटिस जारी किया था, जिसमें ध्वनि कम करने वाले फोम के क्षरण को लेकर चिंताओं का हवाला दिया गया था, जिसके कारण श्वसन मार्ग में कण और रसायन जा रहे थे।