Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Feb, 2019 03:07 PM
भारतीय रेलवे अपने व्यापक विस्तार की एक योजना पर काम कर रहा है। फ्रेट कैपिसिटी को दोगुने से भी अधिक करने के साथ ही हाईस्पीड ट्रेनों के लिए लगभग 6,000 किलोमीटर लंबाई वाले 10 नए कॉरिडोर बनाने पर विचार किया जा रहा है।
नई दिल्लीः भारतीय रेलवे अपने व्यापक विस्तार की एक योजना पर काम कर रहा है। फ्रेट कैपिसिटी को दोगुने से भी अधिक करने के साथ ही हाईस्पीड ट्रेनों के लिए लगभग 6,000 किलोमीटर लंबाई वाले 10 नए कॉरिडोर बनाने पर विचार किया जा रहा है। रेलवे ने कैबिनेट को एक प्रस्ताव भी भेजा है। इस प्रस्ताव में 10 संभावित बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए फिएसिबिलिटी स्टडी तथा एक विस्तृत परियोजना तैयार करने की मंजूरी मांगी गई है। इन कॉरिडोर्स में दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-अमृतसर, पटना-कोलकाता तथा चेन्नई-बेंलगुरु शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में 10 साल का वक्त लगेगा, जिनमें लगभग 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। एक सूत्र ने कहा, 'यह योजना अभी आरंभिक दौर में है।' मौजूदा समय में केवल एक हाई-स्पीड कॉरिडोर अहमदाबाद-मुंबई पर काम चल रहा है।
योजना से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि रेलवे का तत्काल फोकस मौजूदा 1.2 लाख किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को जोड़ने पर है, जिसमें पांच लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होगा और इसकी फंडिग बजट के अलावा कर्ज से होगी। गोल्डेन क्वाडिलेट्रल के समानांतर रेल ट्रैक को तिहरा करने की भी योजना है, ताकि सड़कों पर यातायात कम किया जा सके।
इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई और अमृतसर-कोलकाता डीएफसी की लाइनों पर तीन नए फ्रेट कॉरिडोर पर चर्चा की गई है। प्रस्ताव में इन परियोजनाओं के लिए फंडिंग बहुपक्षीय एजेंसियों जैसे विश्व बैंक, जीआईसीए और एशियाई विकास बैंक से लेने का जिक्र किया गया है।