Edited By ,Updated: 13 Mar, 2017 02:01 PM
टाउनशिप के कारोबारी, लीजधारक और थर्ड पार्टी अलॉटियों के लिए अच्छी खबर है।
भिलाईः टाउनशिप के कारोबारी, लीजधारक और थर्ड पार्टी अलॉटियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें वित्तीय वर्ष 2011-12 और 2012-13 का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देना पड़ेगा। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने वर्ष 2013-14 से ही टैक्स वसूलने पर सहमति जता दी है। भिलाई युवा व्यापारी संघ के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने यह जानकारी दी है।
लोग सीधे तौर पर निगम को कोई टैक्स नहीं देते थे
पहले बीएसपी आधिपत्य टाउनशिप में रहने वाले लोग सीधे तौर पर नगर निगम को कोई टैक्स नहीं देते थे। बीएसपी अपनी पूरी प्रापर्टी का एकमुश्त टैक्स निगम को चुकाता रहा है। यह व्यवस्था निगम गठन के समय से ही चली आ रही थी। पहले लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए टैक्स देता था। बाद में यह राशि बढ़कर दोगुनी हो गई। वर्तमान में बीएसपी निगम को हर साल करीब 11 करोड़ रुपए प्रापर्टी टैक्स का भुगतान कर रहा है। इसमें प्लांट, सभी प्रशासनिक भवन और टाउनशिप के आवास व दुकानें सभी शामिल हैं।
लोगों को गुमराह करता रहा प्रबंधन
दो साल पहले अचानक बीएसपी प्रबंधन ने निगम को चुकाने वाले प्रापर्टी टैक्स की भरपाई टाउनशिप के व्यापारियों, थर्ड पार्टी अलॉटियों, लाइसेंसी और लीजधारकों से करने का गुपचुप फैसला लिया। मई 2014 में लोगों को भेजे गए मासिक बिल में स्टेचुरी पेमेंट (वैधनिक भुगतान) वसूली की सूचना दी गई।
व्यापारी संगठन ने आपत्ति जताई
बिल में प्रबंधन ने लिखा था कि वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 में आपके हिस्से का देयक भुगतान किया गया है। इसकी वसूली अगले दो महीने जून और जुलाई 2014 के बिल में की जाएगी। प्रबंधन ने भुगतान के संबंध में स्पष्ट नहीं किया कि यह प्रॉपर्टी टैक्स है। बाद में लोगों को जानकारी हुई तब व्यापारी संगठन ने आपत्ति जताई।
दो साल का टैक्स जमा किया तो चार का बकाया नोटिस भेज दिया
प्रबंधन के दबाव और बीएसपी आवासों में रहने की मजबूरी के चलते थर्ड पार्टी अलॉटी, लाइसेंस धारक और लीजधारकों ने वर्ष 2013-14 और 2014-15 का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने लगे तो बीएसपी और चार पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 और 2012-13 का डिमांड नोटिस भेज दिया। विरोध में युवा व्यापारी संघ ने लगातार आंदोलन किया।
सहमति के बाद भी मुकर रहा था
वित्तीय वर्ष 2011-12 और 2012-13 का टैक्स जमा करने का नोटिस मिलते ही भिलाई युवा व्यापारी संघ ने धरना, प्रदर्शन यहां तक कि शहर बंद कराया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय की पहल पर जिला व निगम प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के बीच सालभर पहले बैठक हुई थी। इसमें 2011-12 और 2012-13 का टैक्स नहीं लेने पर सहमति बन गई थी।
प्रबंधन ने टैक्स नहीं लेने पर सहमति जताई
सालभर हो गए, लेकिन प्रबंधन ने इस आशय का सर्कुलर जारी नहीं किया। बल्कि मासिक बिल में पेनल्टी जोड़कर लोगों पर टैक्स जमा करने दबाव बनाते रहा। हाल ही में व्यापारियों ने पांडेय से मुलाकात कर प्रबंधन के रवैए की जानकरी दी। बताया गया है कि उसके बाद ही प्रबंधन ने टैक्स नहीं लेने पर सहमति जताई है।