ई-वाहन सब्सिडी नीति में बाहर हो सकते हैं टू-व्हीलर

Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Aug, 2018 02:31 PM

two wheelers may be out from vehicle subsidies policy

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की नई नीति (फेम 2) पर अभी भले ही कोई फैसला नहीं हुआ हो, लेकिन देश में ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है। स्थानीय स्तर पर ई-वाहन बनाने वाली 50 से ज्यादा कंपनियों के संगठन सोसाइटी...

बिजनेस डेस्कः इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की नई नीति (फेम 2) पर अभी भले ही कोई फैसला नहीं हुआ हो, लेकिन देश में ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है। स्थानीय स्तर पर ई-वाहन बनाने वाली 50 से ज्यादा कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) का कहना है कि फेम 2 की पूरी सब्सिडी किसी एक किस्म के वाहन को उपलब्ध कराने के बजाय उसे बस, थ्री व्हीलर और टू-व्हीलर के साथ-साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच बांटने की जरुरत है।

4000 करोड़ रुपए की सब्सिडी सिर्फ बस तक सीमित रखने की योजना
एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने बताया कि इस समय देश में बिजली से चलने वाले बड़े वाहनों की तुलना में छोटे ई-वाहन ज्यादा बन रहे हैं। ई-वाहन श्रेणी में 1.8 करोड़ डॉलर टू-व्हीलर बन रहे हैं। अभी इस पर 20 से 22 हजार रुपए की सब्सिडी मिल रही है, इस वजह से इस महानगरों में ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के इलाकों में भी खरीदा जा रहा है। अगर इस पर सब्सिडी बंद हो जाएगी  तो फिर लोग इसे खरीदने से हिचकेंगे। उन्होंने कहा कि फेम 2 से 4000 करोड़ रुपए की सब्सिडी सिर्फ बस तक ही सीमित रखने की बात चल रही है। सरकार इसे एक ही वाहन तक सीमित रखने के बजाय एक-एक हजार करोड़ रुपए के 4 हिस्सों में बांट सकती है।

बसों को सब्सिडी से चीन को फायदा
एसएमईवी के मुताबिक, इस समय एक बस में ही करीब 60 लाख रुपए की बैटरी का उपयोग होता है। यह बैटरी चीन से आती है। यही नहीं, ई-बस के लिए अधिकतर कल-पुर्जे भी चीन से ही आ रहे हैं, जबकि टू-व्हीलर के अधिकतर कल-पुर्जे यहीं बनने लगे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!