PNB बैंक को मिली बड़ी जीत, UK कोर्ट ने 165 करोड़ मामले में बैंक के हक में सुनाया फैसला

Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Jul, 2020 02:39 PM

uk court ruled in favor of bank in 165 crore case

पंजाब नेशनल बैंक की ब्रिटेन की अनुषंगी पंजाब नेशनल बैंक इंटरनेशनल लि.(पीएनबीआईएल) ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में 2.2 करोड़ डॉलर के बकाया कर्ज वसूली मामले में बड़ी जीत हासिल की है। अदालत ने बैंक के पक्ष में हर्जाने का आदेश दिया है।

लंदन:  पंजाब नेशनल बैंक की ब्रिटेन की अनुषंगी पंजाब नेशनल बैंक इंटरनेशनल लि.(पीएनबीआईएल) ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में 2.2 करोड़ डॉलर के बकाया कर्ज वसूली मामले में बड़ी जीत हासिल की है। अदालत ने बैंक के पक्ष में हर्जाने का आदेश दिया है। यह निर्णय ऐसे अन्य मामलों में उद्धरित किया जा सकता है जिनमें भारतीय बैंक देनदारी पूरी करने में विफल कर्जदार प्रवर्तकों या गारंटी देने वालों के खिलाफ ब्रिटेन की अदालतों में मामले प्रस्तुत किए हैं।

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हालांकि कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि इस मामले और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ्र) की अगुवाई वाले 13 भारतीय बैंकों के समूह द्वारा बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन के बकाया कर्ज को लेकर शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ चलाये जा रहे मामले में कोई सीधा संबंध नहीं है। पीएनबीआई का यह मामला 2012 और 2013 का है जब उसने क्रूज लाइन एमवी डेलफिन की खरीद को लेकर कर्ज दिया था। इसको खरीदने वाला विशाल क्रूज लि. था। ऐसा कहा जाता है कि इसे सुपेरियर ड्रिंक्स प्राइवेट लि. के चेयरमैन और भारत में कोका-कोला के विनिर्माता प्रदीप अग्रवाल की गारंटी के जरिये समर्थन प्राप्त थी। यह भी कहा जाता है कि सुोरियर इंडस्ट्रीज लि. (एसआईएल) अग्रवाल से संबद्ध थी।

PNB के लिये बड़ी जीत
लंदन में उच्च न्यायालय की वाणिज्यिक पीठ में दो दिन की सुनवाई पिछले महीने हुई। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण मामले में डिजिटल तरीके से सुनवाई हुई। न्यायाधीश सारा कोकेरिल ने अपने आदेश में कहा कि मामला ब्रिटेन से संबद्ध है और बैंक को अंतरिम भुगतान के तौर पर 70,000 ब्रिटिश पौंड देने का आदेश दिया। विधि कंपनी टीएलटी एलएलपी के भागीदार पॉल गेयर ने कहा, ‘यह पीएनबीआईएल के लिये बड़ी जीत है। इसका मतलब है कि वह ब्रिटेन की अदालतों में प्रतिवादियों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई के लिये कदम बढ़ा सकती है।' संयोग से यही विधि कंपनी 13 भारतीय बैंकों को माल्या से 1.05 अरब पौंड के अनुमानित कर्ज की वसूली मामले में सलाह दे रही है।

यह एक ऐतिहासिक निर्णय है
उन्होंने कहा यह इसी प्रकार के अन्य मामलों के लिये भी ऐतिहासिक निर्णय है...कई ऐसे मामले हैं जहां भारतीय बैंक ब्रिटेन की अदालतों में जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले उन लोगों के खिलाफ सफलतापूर्वक कदम उठा रहे हैं जो यहां या तो रह रहे हैं या फिर उनकी संपत्ति है...। जब कर्जदाताओं ने कर्ज नहीं लौटाया, पीएनबी ने कार्यवाही शुरू की। प्रतिवादियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने विभिन्न गारंटी दी, लेकिन उनकी दलील थी कि रिण की आदयगी ब्रिटेन से की जाएगी इसकी कोई अनुमति होने का सबूत नहीं है।इसके लिये उन्होंने कई तर्क दिए जिन पर न्यायाधीश ने विचार किया और तब फैसला दिया। अग्रवाल और एसआईएल ने इस माह की शुरूआत में ब्रिटेन की अपीलीय अदालत में आवेदन देकर न्यायाधीश कोकेरिल की व्यवस्था के खिलाफ अपील दायर करने की मंजूरी मांगी है। 

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