Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 02:38 PM
भगौड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय अधिकारियों द्वारा दो अन्य प्रत्यर्पण आग्रहों को हाल ही के सप्ताह में खारिज कर दिया है। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 16 अक्टूबर को ब्रिटेन स्थित कथित...
लंदन: भगौड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय अधिकारियों द्वारा दो अन्य प्रत्यर्पण आग्रहों को हाल ही के सप्ताह में खारिज कर दिया है। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 16 अक्टूबर को ब्रिटेन स्थित कथित सट्टेबाज संजीव कुमार चावला के पक्ष में फैसला सुनाया और 12 अक्तूबर को एक ब्रिटिश भारतीय दंपति जतिंदर और आशा रानी अंगुराल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी खारिज कर दिया।
4 नवंबर को होगी माल्या के प्रत्यर्पण पर सुनवाई
बता दें कि यह फैसला विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर सुनवाई से कुछ सप्ताह पहले आया है। माल्या भारत में कई बैंकों की कुल 9,000 करोड़ रुपए की राशि वाले ऋण नहीं चुकाने के मामले में वांछित हैं। वहीं इस मामले में 20 नवंबर को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि चार दिसंबर से शुरू हो रहे प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई किस प्रकार होगी। जिला न्यायाधीश रेबेका क्रेन ने क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले में मुख्य आरोपी चावला के खिलाफ मुकदमों को दिल्ली के तिहाड़ जेल की खराब स्थिति को देखते हुए मानवाधिकार का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। प्रत्यर्पण के बाद चावला को इसी जेल में रखा जाना था। साल 2000 में हुए इस मैच फिक्सिंग में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हेंसी क्रोंज भी आरोपी थे।
क्या है मामला
दुसरे मामले में वरिष्ठ जिला न्यायाधीश एम्मा अर्बुथनोट ने तिमाही सदी बीत जाने के कारण ब्रिटिश भारतीय दंपति जतिंदर और आशा रानी अंगुराल को प्रत्यर्पित करने का फैसला खारिज कर दिया। जतिंदर अंगुराल 1990 से 1993 के बीच जालंधर में बैंक ऑफ इंडिया में शाखा प्रबंधक थे, तब उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। अपने बयान में भारतीय जोड़े ने कहा था कि उन्हें आपराधिक कार्यवाही के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, और इस मामले में जांच शुरू होने से पहले ही वह देश छोड़ चुके थे।